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Hindi News भारत राजनीति बूस्टर डोज कब लगेगी और बच्चों को वैक्सीन कब दी जाएगी? स्वास्थ्य मंत्री ने संसद में दिया जवाब

बूस्टर डोज कब लगेगी और बच्चों को वैक्सीन कब दी जाएगी? स्वास्थ्य मंत्री ने संसद में दिया जवाब

मांडविया ने आरोप लगाया कि इस गंभीर आपदा के काल में कुछ राजनीतिक दलों ने वैक्सीन पर संशय फैलाने का प्रयास करके, वैक्सीनेशन अभियान पर सवाल उठाकर एवं प्रधानमंत्री पर आरोप लगाकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई को कमजोर करने का प्रयास किया।

Mansukh Mandaviya on booster dose and Covid vaccine to children- India TV Hindi Image Source : PTI कोविड वैक्सीन की बूस्टर या तीसरी अतिरिक्त खुराक तथा 18 साल से कम उम्र के बच्चों को वैक्सीन पर भी विशेषज्ञ विचार कर रहे हैं।

Highlights

  • मंडाविया ने कहा कि हमारे पास दो ही विकल्प हैं जिसमें से एक राजनीतिक और दूसरा वैज्ञानिक है।
  • मांडविया ने आरोप लगाया कि कोरोना काल में कुछ राजनीतिक दलों ने वैक्सीन पर संशय फैलाने का प्रयास किया।
  • मंडाविया ने कहा कि वैक्सीन ड्राइव शुरू हुआ तो लोगों को गुमराह करने का प्रयास किया और वैक्सीन लेने के लिए डराया गया।

नई दिल्ली: कोविड वैक्सीन की बूस्टर या तीसरी अतिरिक्त खुराक तथा 18 साल से कम उम्र के बच्चों को वैक्सीन पर भी विशेषज्ञ विचार कर रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शुक्रवार को लोकसभा में यह जानकारी दी। इसके साथ ही उन्होंने सदन में कहा कि हमारे पास दो ही विकल्प हैं जिसमें से एक राजनीतिक और दूसरा वैज्ञानिक है। उन्होंने कहा कि वायरस के संक्रमण को लेकर दो विशेषज्ञ समूह अनुसंधान कर रहे हैं जिन्होंने वैक्सीन अनुसंधान में सहयोग दिया है और इस विषय पर भी विशेषज्ञ विचार कर रहे हैं।

मनसुख मंडाविया ने लोकसभा में कहा, "वैज्ञानिक गहन विचार कर रहे हैं और जब वैज्ञानिक एवं विशेषज्ञ तय करेंगे और जैसा तय करेंगे उनके मार्गदर्शन के आधार पर सरकार आगे चलेगी। जब बच्चों और बूस्टर डोज के संदर्भ में वैज्ञानिक एवं विशेषज्ञ तय करेंगे, वो जो भी मार्गदर्शन देंगे उसी के आधार पर हम आगे चलेंगे।’’ मांडविया ने आरोप लगाया कि इस गंभीर आपदा के काल में कुछ राजनीतिक दलों ने वैक्सीन पर संशय फैलाने का प्रयास करके, वैक्सीनेशन अभियान पर सवाल उठाकर एवं प्रधानमंत्री पर आरोप लगाकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई को कमजोर करने का प्रयास किया। 

मंडाविया ने कहा, "कुछ विपक्षी दल के लोगों ने सदी के सबसे कठिन समय में भी राजनीति से बाहर नहीं आकर देश की कोरोना के खिलाफ लड़ाई को कमजोर करने का हर संभव प्रयास किया। पहले लॉकडाउन में लोगों को उकसाया, फिर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का मजाक उड़ाया। दशकों तक इन्हीं लोगों ने ही लोगों को गरीब रखा था। देश में बनी वैक्सीन होने के कारण उसपर सवाल उठाए, वैक्सीन ड्राइव शुरू हुआ तो लोगों को गुमराह करने का प्रयास किया और वैक्सीन लेने के लिए डराया गया।"

उन्होंने कहा, "कई लोगों ने वैक्सीनेशन की शुरुआत से ही कह दिया कि पीएम ने क्यों नहीं ली। जब प्रधानमंत्री जी ने ली तो कहा यह वैक्सीन बीजेपी की वैक्सीन है। हिंदुस्तान के इतिहास की राजनीति में मेरे दल ने तो कभी ऐसा व्यव्हार नहीं किया। 17 सितंबर को आदरणीय प्रधानमंत्री जी का जन्मदिन था, भाजपा उसे एक दल के तौर पर सेवा सप्ताह के तौर पर मनाती है और सभी कार्यकर्ताओं तथा सरकारों ने मेहनत की, मैने केवल वैक्सीन लगवाने के लिए ट्वीट करके आहवान किया था। 1-2 सरकारों को छोड़ सारी संस्थाएं, एनजीओ, मेरी पार्टी लगी, कई लोग बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, सार्वजनिक जगहों पर जाकर वैक्सीन ड्राइव शुरू किया।"

लोकसभा में उन्होंने कहा, "सरकार की तरफ से वैक्सीन, सिरिंज उपलब्ध कराई गई और ढाई करोड़ डोज लगाकर एक रिकॉर्ड वैक्सिनेशन किया। कई देशों की कुल जनसंख्या भी ढाई करोड़ नहीं होता, उनकी 70-80 लाख जनसंख्या का वैक्सीनेशन होता है तो भी वे गौरव करते हैं। सबको वैक्सीन मुफ्त वैक्सीन के महामंत्र के साथ 125 करोड़ डोज लग चुके हैं। देश में 18 साल से अधिक आयु वाली जनसंख्या लगभग 94 करोड़ है जो वैक्सीन के लिए योग्य हैं और इसमें से 79 करोड़ को पहली डोज मिल चुकी है तथा 46.38 करोड़ से ज्यादा लोग पूरी तरह से वैक्सिनेटिड हो चुके हैं जो रिकॉर्ड है।"

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