फिर हिंसा की आग में जला मणिपुर, उग्रवादियों ने पुलिस चौकियां और घर जलाए, 200 लोग राहत शिविर पहुंचे
मणिपुर में एक बार फिर हिंसा शुरू हो चुकी है। एक व्यक्ति की मौत से शुरू हुआ संघर्ष अब हिंसक होता जा रहा है। सुरक्षा के मद्देनजर 200 लोगों को राहत शिविर में भेजा गया है।
देश के उत्तर पूर्वी राज्य मणिपुर में एक बार फिर हिंसा भड़कने का डर बना हुआ है। यहां जिरीबाम जिले में शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात कुछ उग्रवादियों ने पुलिस चौकियों और घरों पर हमला किया। रात 12:30 बजे के करीब 3-4 बोट से आए उग्रवादियों ने पुलिस चौकी पर हमला किया और घरों में आग लगी दी।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि चोतोबेकरा पोस्ट 12:30 बजे की करीब जल गई थी। इसके बाद लमतई खुनोऊ और मोधूपुर पोस्ट पर हमला हुआ। पुलिस के अनुसार उग्रवादियों ने कई गांव में हमला किया और घरों को आग के हवाले कर दिया। इन घटनाओं के वीडियो भी सामने आए हैं।
200 से ज्यादा लोग राहत शिविर में
मणिपुर के जिरीबाम जिले में कथित तौर पर उग्रवादियों ने एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी। इसी वजह से राज्य में दोबारा हिंसा भड़की है। मेइती समुदाय के 200 से अधिक लोगों को नए राहत शिविरों में भेजा गया है। संदिग्ध उग्रवादियों ने जिरीबाम जिले के बाहरी गांवों लामताई खुनौ, दिबोंग खुनौ, नूनखाल और बेगरा में कई घरों को जला दिया था। इन गांवों के लोग जिरी खेल परिसर में बनाए गए राहत शिविर में रह रहे थे।
59 वर्षीय व्यक्ति की हत्या के बाद तनाव
एक अधिकारी ने बताया कि नए शिविरों में भेजे गए अधिकतर लोग जिरीबाम शहर से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित गांवों में रह रहे हैं। उन्होंने कहा, ''क्षेत्र में और अधिक सुरक्षाकर्मियों को भेजा गया है।'' मणिपुर पुलिस ने राज्य पुलिस कमांडो को तत्काल जिरीबाम जाने का आदेश दिया है। पुलिस ने बताया कि जातीय संघर्ष से ग्रस्त मणिपुर के जिरीबाम जिले में गुरुवार शाम एक समुदाय के 59 वर्षीय व्यक्ति की हत्या के बाद तनाव पैदा हो गया था। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पीड़ित गुरुवार को सुबह अपने खेत पर गया था, जहां से वह लापता हो गया। बाद में उसका शव बरामद किया गया।
हिंसा के चलते हजारों लोग बेघर
स्थानीय लोगों ने हत्या के बाद जिरीबाम थाने के बाहर विरोध जताया और मांग की कि चुनाव के मद्देनजर उनसे लिये गए लाइसेंसी हथियार अब उन्हें लौटा दिए जाएं। मणिपुर में पिछले साल से मई से जारी हिंसा से अब तक जिरीबाम अप्रभावित रहा है। यहां भी मेइती, मुस्लिम, नागा, कुकी और गैर-मणिपुरी लोग रहते हैं। इम्फाल घाटी में रहने वाले मेइती और पहाड़ी इलाकों में रहने वाले कुकी लोगों के बीच पिछले साल मई से जारी जातीय हिंसा में 200 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।