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Hindi News भारत राजनीति 'हमें आपका जवाब नहीं मिला', ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को लिखी दूसरी चिट्ठी, महिला सुरक्षा को लेकर की ये मांग, पढ़ें पूरा लेटर

'हमें आपका जवाब नहीं मिला', ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को लिखी दूसरी चिट्ठी, महिला सुरक्षा को लेकर की ये मांग, पढ़ें पूरा लेटर

ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में महिला सुरक्षा से जुड़े मुद्दे उठाए हैं। ममता ने महिला सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार से कड़े कानून बनाने की सिफारिश की है।

Mamata Banerjee- India TV Hindi Image Source : PTI ममता बनर्जी, सीएम, प. बंगाल

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर महिला सुरक्षा को प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी है। ममता ने इस चिट्ठी में महिला सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार से कड़े कानून बनाने की सिफारिश की है।ममता बनर्जी ने बलात्कार की घटनाओं पर कड़े केंद्रीय कानून की आवश्यकता और ऐसे अपराधों के अपराधियों को कड़ी सजा देने के संबंध में 22 अगस्त को भेजी अपनी चिट्ठी का उल्लेख किया है।

ममता ने लिखा कि इस चिट्ठी पर आपका कोई जवाब नहीं मिला लेकिन मुझे भारत सरकार की महिला एवं बाल विकास मंत्री की ओर से एक चिट्ठी मिली है। लेकिन इसमें मेरे द्वारा उठाए गए मुद्दे की गंभीरता पर ध्यान नहीं दिया गया है। मेरा विचार है कि इस सामान्य उत्तर को भेजते समय विषय की गंभीरता और समाज के लिए इसकी प्रासंगिकता पर पर्याप्त ध्यान नही दिया गया। 

इतना ही नहीं महिला सुरक्षा को लेकर हमारे राज्य द्वारा पहले ही की गई कुछ पहलों का भी उल्लेख करूंगी जिन्हें उत्तर में नजरअंदाज कर दिया गया है। फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (एफटीएससी) के संबंध में राज्य सरकार द्वारा 10 विशिष्ट पॉक्सो कोर्ट को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा, 88 एफटीएससी और 62 पोक्सो कोर्ट पूर्ण रूप से राज्य भर में कार्य कर रहे हैं। मामलों की निगरानी और निपटारा पूरी तरह से कोर्ट के हाथ में है।

केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार, केवल सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारियों को एफटीएससी में पीठासीन अधिकारी के रूप में तैनात किया जा सकता है, लेकिन माननीय उच्च न्यायालय ने कहा है कि मामलों की गंभीरता को देखते हुए, स्थायी न्यायिक अधिकारियों को तैनात करने की आवश्यकता है। इसके लिए भारत सरकार के स्तर पर उचित कार्रवाई की आवश्यकता है, जिसके लिए आपका हस्तक्षेप आवश्यक होगा।

इसके अलावा, राज्य में हेल्पलाइन नंबर 112 और 1098 संतोषजनक ढंग से काम कर रहे हैं। आपातकालीन हालात में डायल 100 का भी बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है। मैं यह दोहराना चाहती हूं कि ट्रायल अधिकारियों द्वारा एक निश्चित समय-सीमा में मामलों के निपटारे के लिए अनिवार्य प्रावधान किया जाए। साथ ही बलात्कार/बलात्कार और हत्या के जघन्य अपराधों पर एक कठोर केंद्रीय कानून और अनुकरणीय सजा पर विचार करें। मुझे आशा है कि व्यापक रूप से हमारे समाज के हित में इस मामले पर आपकी ओर से बहुत ध्यान दिया जाएगा। बता दें कि ममता बनर्जी ने इससे पहले 22 अगस्त को भी पीएम मोदी चिट्ठी लिखकर रेप जैसे घिनौने अपराध के लिए कठोर केंद्रीय कानून बनाने की मांग की थी।

 

 

 

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