नई दिल्ली: देश के संसद की नई इमारत के उद्घाटन समारोह को लेकर विपक्ष का विरोध गहराता जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इमारत के उद्घाटन के विरोध में 21 पार्टियां शामिल हो गई हैं, और अब इस विरोध की चपेट में नीति आयोग की बैठक भी आ गई है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने बैठक से अपने पांव पीछे खींच लिए हैं। बता दें कि 27 मई को होने वाली इस बैठक में 2047 के लक्ष्य को हासिल करने पर बात होने वाली है।
‘हमें बोलने का मौका नहीं दिया जाता’
दिल्ली में 27 मई को नीति आयोग की बैठक होने वाली है। इस बैठक में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव और कांग्रेस शासित प्रदेशों के सीएम शामिल नहीं होंगे। ममता बनर्जी के एलान के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का भी इस बैठक में शामिल होना मुश्किल दिखाई दे रहा है। ममता बनर्जी का आरोप है कि बैठक में भाषणबाजी होती है उन्हें घंटो बिठाकर रखा जाता है और बोलने का मौका नहीं दिया जाता। इस तरह देखा जाए तो केंद्र सरकार और विपक्ष में टकराव बढ़ता ही जा रहा है।
क्या है 27 मई की बैठक का एजेंडा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 मई को नीति आयोग के संचालन परिषद की आठवीं बैठक की अध्यक्षता करेंगे। बैठक में मुख्य रूप से देश को 2047 तक विकसित देश बनाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य, कौशल विकास, महिला सशक्तीकरण और बुनियादी ढांचा विकास समेत कई मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इस बैठक में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, केन्द्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल और केन्द्रीय मंत्री शामिल होते हैं। हालांकि बैठक में इस बार विपक्षी दलों के कई मुख्यमंत्री हिस्सा नहीं लेंगे जिनमें ममता बनर्जी, भूपेश बघेल, सुखविंदर सिंह सुक्खू, सिद्धारमैया, के चंद्रशेखर राव और अशोक गहलोत जैसे नेता शामिल हैं।
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