नई दिल्ली: केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने राज्यसभा में नेता विपक्ष एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ का अपमान करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इन दलों (विपक्षी दलों) ने लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा सभापति के आदेश का उल्लंघन करने का फैसला कर लिया है और यह उनकी मानसिकता बन गई है। खरगे के व्यवहार की निंदा करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज राज्यसभा में जो कुछ हुआ, उसे सारे देश और मीडिया ने देखा है। विपक्षी सांसद भारत-चीन पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा करते हुए वेल में आ गए। सभापति ने बार-बार हाथ जोड़ कर, खड़े होकर इनसे अपनी सीट पर जाने का अनुरोध किया लेकिन ये अपनी सीट पर नहीं गए।
खरगे ने अहंकार से सभापति का निर्देश ठुकराया
इसके बाद सभापति ने सदन के नेता और विपक्ष के नेता को अपने चैंबर में बात करने के लिए आने को कहा, तब एकदम अहंकार से सभापति के निर्देश को ठुकराते हुए मल्लिकार्जुन खरगे ने आने से इंकार करते हुए कहा कि यह रूम में चर्चा का विषय नही है, इसलिए वे चैंबर में नहीं आएंगे।
'खरगे को अपनी पार्टी के नेता को संतुष्ट करने के लिए यह सब करना पड़ रहा'
जोशी ने खरगे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वे राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं लेकिन इसके बावजूद उन्हें अपनी पार्टी के नेता, जो देश में कहीं घूम रहे हैं को संतुष्ट करने के लिए यह सब करना पड़ रहा है। लेकिन खरगे साहब को संवैधानिक पद पर बैठे लोगों की गरिमा और आदर देने की परंपरा का पालन करना चाहिए।
संसदीय कार्य मंत्री ने की घोर निंदा
प्रल्हाद जोशी ने आगे कहा कि आज ही लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा सभापति दोनों ने ही कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए सभी सांसदों को कहा था लेकिन इन लोगों (विपक्षी सदस्यों) ने इस निर्देश को भी नहीं माना और वेल में इनके एक भी व्यक्ति ने मास्क नहीं पहना था। जोशी ने दोनों निर्देश की अवहेलना करने की घोर निंदा की।
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