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Hindi News भारत राजनीति Mallikarjun kharge: कौन हैं मल्लिकार्जुन खड़गे ? एक मजदूर नेता से कैसे बने कांग्रेस अध्यक्ष, जानिए सब कुछ

Mallikarjun kharge: कौन हैं मल्लिकार्जुन खड़गे ? एक मजदूर नेता से कैसे बने कांग्रेस अध्यक्ष, जानिए सब कुछ

Mallikarjun kharge: मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव जीत लिया है। इस चुनाव में उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी उम्मीदवार शशि थरूर को हरा दिया। करीब 24 साल बाद कांग्रेस को गांधी परिवार से बाहर का नेता बतौर अध्य़क्ष मिला है।

Mallikarjun kharge- India TV Hindi Image Source : AP Mallikarjun kharge

Highlights

  • 1969 में कांग्रेस में शामिल हुए मल्लिकार्जुन खड़गे
  • 1972 में पहला विधानसभा चुनाव जीता
  • लगातार 9 बार विधानसभा चुनाव जीतने का रिकॉर्ड बनाया

Mallikarjun kharge: जैसी संभावनाएं जताई जा रही थी वैसा ही हुआ। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव जीत लिया है। इस चुनाव में उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी उम्मीदवार शशि थरूर को हरा दिया है। मल्लिकार्जुन खड़गे को जहां 7897 वोट मिले वहीं शशि थरूर को करीब एक हजार वोट मिले हैं जबकि 416 वोट रिजेक्ट हुए। करीब 24 साल बाद कांग्रेस को गांधी परिवार से बाहर का नेता बतौर अध्य़क्ष मिला है।

एक मजदूर नेता के तौर पर की थी राजनीति की शुरुआत 

कर्नाटक के कलबुर्गी के रहने वाले मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत एक मजदूर नेता के तौर पर की थी। कर्नाटक के सबसे कद्दावर दलित नेताओं में उनकी गिनती होती है। उन्होंने कॉलेज के दिनों में ही छात्रसंघ का चुनाव जीतकर राजनीति में अपना कदम रख दिया था। वकालत की डिग्री लेने के बाद एक वकील के तौर पर उन्होंने कलबुर्गी में काम शुरू किया और इसी दौरान वे मजदूरों के हितों की लड़ाई लड़ने लगे। इससे उन्हें एक नई पहचान मिली। 

1972 में गुरमित्कल विधानसभा सीट से जीता चुनाव

1969 में वे कांग्रेस में शामिल हो गए और तीन साल बाद 1972 में गुरमित्कल विधानसभा सीट से उन्होंने चुनाव जीत लिया। इसके बाद 2008 तक लगातार 9 बार विधानसभा चुनाव जीतने का रिकॉर्ड उन्होंने बनाया। इस दौरान वे कर्नाटक सरकार में गृह मंत्री भी बने और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का दायित्व भी संभाला।

2009 में लोकसभा चुनाव जीता, दिल्ली की राजनीति में रखा कदम

इसके बाद 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने जीत हासिल की और दिल्ली की राजनीति में कदम रखा। वो दो बार लोकसभा चुनाव जीते और केंद्र सरकार में रेल मंत्री और श्रम मंत्री के तौर पर काम करने का मौका मिला। उन्हें गांधी परिवार के करीबी नेता माना जाता रहा है। 2019 का लोकसभा चुनाव खड़गे हार गए लेकिन एक साल बाद ही कांग्रेस ने उन्हें राज्यसभा में भेजा और नेता विपक्ष की जिम्मेदारी दी। खड़गे की पहचान एक दलित नेता के साथ ही एक संघर्षशील नेता के तौर पर भी रही है।

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