नयी दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक बार फिर अडानी मुद्दे पर केंद्र सरकार पर हमला बोला और कहा कि अडानी मुद्दे पर विपक्ष की आवाज को दबाया गया। सरकार इस मु्द्दे पर जेपीसी के गठन से क्यों डर रही है ? मल्लिकार्जुन खरगे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सरकार ने इस बजट को चर्चा में नहीं लाने का पूरा प्रयास किया। मोदी सरकार लोकतंत्र की बहुत बातें कहती है लेकिन जो कहती है उसके तहत चलती नहीं हैं। 50 लाख करोड़ का बजट केवल 12 मिनट में पास किया गया है। वे हमेशा कहते रहे कि विपक्ष को दिलचस्पी नहीं है लेकिन विघ्न तो सरकार की तरफ से हुआ।
उन्होंने कहा- जब भी हम नोटिस देते थे और उस पर चर्चा की मांग करते थे तब वे हमें बोलने नहीं देते थे। ऐसा पहली बार हुआ है, मैंने 52 सालों में ऐसा कभी नहीं देखा। यहां 2 साल से मैं देख रहा हूं कि खुद सत्तारूढ़ पार्टी के लोग विघ्न डालते हैं।
हमारा सामूहिक मुद्दा था कि अडानी को इतना महत्व क्यों दिया जा रहा है? अडानी की संपत्ति केवल 2.5 साल में 12 लाख करोड़ कैसे हुई? उन्होंने सरकार का पैसा और संपत्ति खरीदी है। क्यों मोदी जी एक ही व्यक्ति को इतनी चीजें दे रहे हैं? राहुल गांधी ने भी लोकसभा में यही सवाल पूछा। आप जेपीसी से क्यों डर रहे हैं? खरगे ने कहा कि सारे दस्तावेज जांच करने के लिए विपक्षी दलों को एक मौका मिलता है और पारदर्शिता रहती है। लेकिन सरकार ने इसको नकारा और कुछ भी कहने को तैयार नहीं हैं। असल मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश की गई।
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