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Hindi News भारत राजनीति एसी दफ्तरों में बैठे रहने वाले कांग्रेस के 'कौरवों' की लिस्ट बनाएं: राहुल गांधी

एसी दफ्तरों में बैठे रहने वाले कांग्रेस के 'कौरवों' की लिस्ट बनाएं: राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कांग्रेस के पुनरुद्धार और गुजरात में आगामी चुनाव जीतने के लिए एक साहसिक दृष्टिकोण साझा करते हुए, गांधी ने उन नेताओं से छुटकारा पाने का सुझाव दिया जो ''वातानुकूलित कमरों में बैठते हैं और दूसरों को परेशान करते हैं।''

Rahul Gandhi- India TV Hindi Image Source : PTI Rahul Gandhi

द्वारका (गुजरात): कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को गुजरात में अपनी पार्टी के नेताओं से पार्टी में मौजूद उन ''कौरवों'' की एक सूची तैयार करने के लिए कहा, जो सिर्फ अपने एसी कार्यालयों में बैठकर बातों के अलावा कुछ नहीं करते और दूसरों को परेशान करने में लगे रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग अंतत: भाजपा में चले जाते हैं। गांधी ने केंद्रीय एजेंसियों के इस्तेमाल को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए शनिवार को कहा कि उसके पास केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI), प्रवर्तन निदेशालय (ED), पुलिस और गुंडे हैं, लेकिन अंत में केवल सत्य मायने रखता है।

उन्होंने आरोप लगाया कि गुजरात ''भाजपा की राजनीति'' के कारण त्रस्त है। गांधी ने कहा कि कांग्रेस के पास राज्य में अगला विधानसभा चुनाव जीतने का एक अवसर है, लेकिन पार्टी लोगों को यह स्पष्ट दृष्टिकोण देने में विफल है कि सत्ता में आने के बाद वह क्या करने का इरादा रखती है। गांधी ने गुजरात कांग्रेस द्वारा आयोजित चिंतन शिविर के दूसरे दिन यहां पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही। चिंतन शिविर का आयोजन इस साल दिसंबर में होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों के लिए एक विस्तृत रणनीति तैयार करने पर चर्चा के लिए किया गया है।

कार्यक्रम स्थल पर आने से पहले, उन्होंने यहां द्वारकाधीश मंदिर पहुंचकर भगवान कृष्ण की पूजा की। गांधी ने कहा, “उनके पास सीबीआई, ईडी, मीडिया, पुलिस, गुंडे और हर दिन के लिये नए-नए परिधान हैं। लेकिन वे चीजें बिल्कुल भी मायने नहीं रखतीं। गुजरात हमें सिखाता है कि सत्य क्या है। गांधी जी को देखिए। क्या उनके पास कभी अच्छे कपड़े थे, ईडी या सीबीआई थी? नहीं, क्योंकि सत्य सदैव साधारण होता है।” उन्होंने कहा, “कांग्रेस कार्यकर्ताओं को समझना चाहिए कि वे पहले ही गुजरात विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। आप इसे स्वीकार नहीं कर रहे हैं। गुजरात के लोग आपको बड़ी उम्मीदों से देख रहे हैं। भाजपा ने कांग्रेस को जितना नुकसान पहुंचाया है, उससे ज्यादा गुजरात के लोगों को पहुंचाया है।”

कांग्रेस के पुनरुद्धार और यहां आगामी चुनाव जीतने के लिए एक साहसिक दृष्टिकोण साझा करते हुए, गांधी ने उन नेताओं से छुटकारा पाने का सुझाव दिया जो ''वातानुकूलित कमरों में बैठते हैं और दूसरों को परेशान करते हैं।'' उन्होंने कहा, ''(लोगों तक दृष्टिकोण पहुंचाने को लेकर) असमंजस क्यों है? क्योंकि हमारे पास दो तरह के नेता हैं। एक वे जो जमीन पर रहते हैं और लड़ाई लड़ते है। दूसरे वे जो अपने एसी कार्यालयों में बैठे रहते हैं और बात करने व भाषण देने के अलावा कुछ नहीं करते। ऐसे नेताओं की सूची तैयार करें जो दूसरों को परेशान करते हैं। वे कौरव हैं। भाजपा उन्हें अपने पाले में ले जाएगी।''

कांग्रेस नेता ने कहा कि गुजरात में अगले चुनाव में ''भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए'' उन्हें केवल पांच सक्षम नेताओं की जरूरत है। साल 2017 के विधानसभा चुनावों से पहले गुजरात के अपने दौरे को याद करते हुए गांधी ने कहा कि स्थानीय नेतृत्व को शुरुआत में चुनाव में बहुत सीटें जीतने की उम्मीद नहीं थी। उन्होंने कहा कि पार्टी की राज्य इकाई के एक वरिष्ठ नेता ने उनसे कहा था कि कांग्रेस 182 में से केवल 40-45 सीटें जीतेगी। गांधी ने कहा कहा, ''लेकिन अंत में हम चुनाव जीतने से सिर्फ सात सीटों से पीछे रह गए। मैं इस बार भी यही स्थिति देख रहा हूं। मैं आपको बता रहा हूं कि आप पहले ही यह चुनाव जीत चुके हैं।''

उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा हमेशा ''गुजरात मॉडल'' का दावा करती है, लेकिन राज्य में कोविड-19 के कारण लगभग तीन लाख लोगों की जान चली गई और अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर व वेंटिलेटर की कमी के कारण लोगों को नुकसान उठाना पड़ा। गांधी ने अपने संबोधन में कहा, ''गुजरात भाजपा की राजनीति के कारण त्रस्त है। बेरोजगारी यहां एक प्रमुख मुद्दा है। छोटे व्यवसायों को कभी सबसे बड़ी ताकत के तौर पर गुजरात की रीढ़ माना जाता था। लेकिन प्रधानमंभी मोदी ने जीएसटी, नोटबंदी और महामारी के दौरान अपने कार्यों से इन्हें नष्ट कर दिया।'' उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास अवसर है और लोग पार्टी को एक विकल्प के रूप में देखते हैं। पार्टी लोगों के सामने यह स्पष्ट दृष्टिकोण देने में विफल रही है कि ''कांग्रेस सत्ता में आने पर क्या करेगी, हम कैसे काम करेंगे और कौन से नेता करेंगे।''

(इनपुट- एजेंसी)

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