नई दिल्ली: सवाल के बदले कैश वाले मामले में टीएमसी महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। इस मामले को लेकर एथिक्स कमिटी की रिपोर्ट तैयार हो गई है। इस रिपोर्ट के समर्थन में 6 सांसदों ने वोट किया बल्कि चार सांसदों ने इसका विरोध किया। अब यह रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को सौंपी जाएगी। जानकारी के अनुसार, इस रिपोर्ट के पक्ष में परिणीत कौर ने भी वोट किया है। बताया जा रहा है कि रिपोर्ट में महुआ के निष्कासन की सिफारिश की गई है।
वहीं कमिटी की बैठक के बाद चेयरमैन विनोद सोनकर ने बताया कि आज की बैठक का सिंगल एजेंडा इस रिपोर्ट को लेकर ही था। इसमें छ: सांसदों ने इसका समर्थन किया और चार सांसदों ने इसका विरोध किया। अब यह जांच रिपोर्ट अपनी कमिटी की के साथ लोकसभा स्पीकर को भेजी जा रही है। उन्होंने बताया कि अब इस मामले में लोकसभा स्पीकर ही कार्रवाई करेंगे।
रिपोर्ट के समर्थन में वोट --
1)सुमेधानन्द सरस्वती
2) हेमंत गोडसे
3)परिणीत कौर
4) अपराजिता सारंगी
5) राजदीप रॉय
6) विनोद सोनकर
रिपोर्ट के विरोध में वोट --
1)गिरधारी यादव
2)वी वैनिथिलिंगम
3)पी नटराजन
4)दानिश अली
वहीं बैठक से पहले कमिटी के सदस्य बीएसपी सांसद दानिश ने कहा कि इस देश में दो कानून नहीं हो सकते। एथिक्स कमेटी के चेयरपर्सन द्वारा लगातार नियम 275 का उल्लंघन किया जा रहा है। हम एक बात कह सकते हैं कि हमने अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई है और हम ऐसा करना जारी रखेंगे। हम डरेंगे नहीं। हम एक महिला का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकते। हर किसी ने देखा है कि बीजेपी किस तरह महिलाओं का अपमान करने वालों के साथ खड़ी होती है, चाहे वह उन्नाव मामला हो या हाथरस मामला या बिलकिस बानो का मामला हो। लेकिन हम किसी महिला का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकते।''
द्रौपदी के चीरहरण के बाद ही महाभारत शुरू हुई थी- जेडीयू सांसद
वहीं कमिटी के अन्य एक सदस्य जेडीयू के सांसद गिरिधारी यादव ने कहा कि चेयरमैन कानूनों का पालन नहीं कर रहे हैं। उन्होंने बिना हमसे चर्चा किए रिपोर्ट तैयार कर दी। बल्कि कायदा यह है कि क्रॉस क्वेश्चन के बाद कमिटी के सारे सदस्य बैठते और चर्चा की जाती। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। गिरिधारी यादव ने कहा कि उनके पास अभुमत है लेकिन वह अपनी ताकतों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि द्रौपदी के चीरहरण के बाद ही महभारत की शुरुआत हुई थी।
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