शरद पवार बोले, 'BJP और उसके सहयोगियों के हाथ में है देश की सत्ता', अजित के साथ मुलाकात पर कही ये बात
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि समाज मे उन्माद फैले, मोदी सरकार इसीलिए काम करती है।
मुंबई: एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने बीजेपी और उसके सहयोगियों पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, 'देश की सत्ता भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगियों के हाथ में है। उनकी भूमिका समाज में एकता बनाए रखने की है, लेकिन वे लोगों को बांट रहे हैं।' उन्होंने कहा कि 31 अगस्त और 1 सितंबर को इंडिया की मुम्बई में बैठक होनी है। उस बैठक में यह चर्चा की जाएगी कि मोदी के खिलाफ विकल्प कैसे दिया जा सकता है और जनमत किस तरह तैयार किया जा सकता है।
पवार ने कहा कि समाज में उन्माद फैले, मोदी सरकार इसीलिए काम करती है। यह केंद्र सरकार जातियों मे कटुता पैदा कर रही है। मोदी के नेतृत्ववाली केंद्र सरकार, जनता द्वारा चुनी हुई राज्य की स्थापित सरकार को गिराकर अपनी सरकार बना रही है। गोवा और मध्यप्रदेश में यही किया गया। महाराष्ट्र की उद्धव सरकार के साथ भी क्या हुआ, आप सभी जानते हैं।
मणिपुर हिंसा पर मोदी केवल दर्शक की भूमिका में हैं: पवार
पवार ने कहा, 'मणिपुर हिंसा मामले में मोदी सिर्फ दर्शक की भूमिका में हैं। प्रधानमंत्री को चुनावी सभा में जाना ज्यादा महत्वपूर्ण लगता है लेकिन वे मणिपुर जाकर सब शांत नहीं करते। इंडिया की मीटिंग में हम मणिपुर के मुद्दे पर भी बहस करेंगे।'
अजित पवार से मुलाकात पर क्या बोले पवार?
शरद पवार ने अजित पवार से मुलाकात पर भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि ये सच है कि अजित पवार मुझसे मिलने आए लेकिन किसी पद के ऑफर की चर्चा नहीं हुई। हमारे पवार परिवार का मैं प्रमुख हूं। घर में कोई भी निर्णय करना हो तो मुझसे सलाह ली जाती है। मेरे बिना जिस प्लान की बात की जा रही है, यह सिर्फ चर्चा है। इसमें कोई सच्चाई नहीं है।
उन्होंने कहा कि अजित पवार गुट मेरी तस्वीर का इस्तेमाल कर रहा है और उस संदर्भ में हम कोर्ट में जाएंगे। बीजेपी को जो भी समर्थन देगा, हम उसके साथ नही जाएंगे।।
चुनाव चिन्ह की ज्यादा फिक्र नहीं: पवार
उन्होंने कहा कि चुनाव चिन्ह के मामले जो उद्धव ठाकरे के साथ हुआ, वह हमारे साथ भी हो सकता है। केंद्र सरकार के कुछ पॉवरफुल लोग ताकत का दुरुपयोग करते हैं। इसलिए हमारे चिन्ह के साथ भी वैसा ही कुछ हो सकता है, इसकी संभावना ज्यादा है। इसलिए थोड़ी फिक्र हमें हो रही है। चुनाव आयोग खुद निर्णय ले तो कोई बात नहीं लेकिन केंद्र सरकार के भीतर की ताकतें उस फैसले को प्रभावित करती हैं।
शरद ने कहा कि इसके बावजूद मैं चुनाव चिन्ह की ज्यादा फिक्र नहीं करता। मैं 14 चुनाव लड़ चुका हूं और हर बार नए चिन्ह से लड़ा हूं। हर बार जीता हूं। केंद्र की सत्ता में बैठे लोग ताकत का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।