'शरद पवार देश के बड़े नेता लेकिन अजित से उनकी मुलाकात पर हो रहा संदेह', जानें ऐसा क्यों बोले अबू आजमी
महाराष्ट्र से सपा विधायक अबू आजमी ने शरद पवार की अजित के साथ मीटिंग पर संदेह जताया है और कहा है कि जिस पर भी कोई ईडी, सीबीआई का कोई और मामला है तो वो बीजेपी में जाएगा तो साफ हो जाएगा।
मुंबई: महाराष्ट्र से सपा विधायक अबू आजमी ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार की अपने भतीजे और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार से मुलाकातों पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा, 'शरद पवार देश के बड़े नेता हैं। विपक्ष को उनसे बहुत उम्मीदें हैं। वो एक सेकुलर नेता के तौर पर माने जाते हैं। उन्होंने कहा है कि वो बीजेपी के साथ नही जाएंगे। हमें उम्मीद है कि वो अपनी बात पर टिके रहेंगे। लेकिन अजित पवार के साथ उनकी बार-बार मीटिंग से संदेह और भ्रम पैदा हुआ है। इसके लिए हमारी पार्टी के नेता और एमवीए के नेता शरद पवार से बात करेंगे।'
बीजेपी के पास वाशिंग मशीन है: अबू आजमी
अबू आजमी ने कहा कि इस समय देश में जो माहौल है, उसमें यह साफ है कि जिस पर भी कोई ईडी, सीबीआई का कोई और मामला है तो वो बीजेपी में जाएगा तो साफ हो जाएगा। क्योंकि बीजेपी के पास वाशिंग मशीन है। मैं नवाब मलिक को बधाई देता हूं कि उन्होंने अजित पवार का साथ दिया, इसलिए उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राहत भी मिली और आज उन्हें जमानत मिल गई। तो इससे साफ है कि जो बीजेपी के साथ गया, उस पर चल रही जांच बंद हो जाएगी।
आजमी ने कहा कि शरद पवार भले ये कह रहे हैं कि अजित पवार से उनकी मुलाकात उनके घर का मामला है, लेकिन जब अजित पवार बीजेपी के साथ हैं और मोदी बार-बार शरद पवार की तारीफ करते हैं, तो शक तो होगा ही। ऐसे में शरद पवार को ऐसी मीटिंग से बचना चाहिए।
ममता बनर्जी के पीएम पद के पोस्टर पर क्या बोले आजमी?
आजमी ने कहा, 'मैं भी मेरी पार्टी के अखिलेश यादव को पीएम बनाना चाहता हूं। उनके पोस्टर लगाऊंगा। ममता बनर्जी के पीएम वाले पोस्टर लगाए जा रहे हैं तो उसमें क्या गलत है? हर पार्टी का कार्यकर्ता चाहता है कि उसका नेता पीएम बने। इसे भी ऐसे ही देखना चाहिए। यह सब पार्टी के केडर में जोश भरने के लिए करना पड़ता है, लेकिन जब चुनाव करीब आएंगे तो सभी विपक्षी बैठकर तय करेंगे कि PM पद किसे दिया जाए।
रणदीप सुरजेवाला के बयान पर भी बोले अबू आजमी
अबू आजमी ने कहा कि रणदीप सुरजेवाला कांग्रेस के बड़े नेता हैं। उन्हें अपने शब्दों पर थोड़ी लगाम लगानी चाहिए। एक मर्यादा बनाई रखनी चाहिए। उनका दिया बयान एक एक्शन का रिएक्शन है। जिस तरह से बीजेपी या उनके समर्थक मुसलमानों और दूसरे समुदायों के खिलाफ बयान देते हैं, भड़काऊ बातें कहते हैं, ऐसे लोगों के खिलाफ सरकार या पुलिस कोई कार्रवाई क्यों नहीं करती। सरकार और बीजेपी को सोचना चाहिए कि भाषा की मर्यादा बनाए रखें लेकिन सुरजेवाला को भी संयम बरतना चाहिए।
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