Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के बगावत के बाद से सियासी संकट गहराता जा रहा है। इस बीच, शिवसेना के बागी विधायक दीपक केसरकर ने कहा कि शिंदे गुट के विधायक किसी भी समय महाराष्ट्र विधानसभा में फ्लोर टेस्ट का सामना करने के लिए तैयार हैं, लेकिन पहली मान्यता एकनाथ शिंदे गुट को दी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि हम एमवीए सरकार के साथ नहीं जाएंगे। दीपक केसरकर ने कहा कि एक से दो विधायक और हमारे साथ आएंगे। उनके समर्थन और अन्य निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ हमारी ताकत बढ़कर 51 हो जाएगी। हम 3-4 दिनों में एक निर्णय पर पहुंचेंगे और उसके बाद हम सीधे महाराष्ट्र वापस जाएंगे।
अगले दो दिनों में सरकार बनाने का दावा पेश करने पर हुई चर्चा
सूत्रों की मानें तो गुवाहाटी में एकनाथ शिंदे खेमे की आज अहम बैठक हुई। बैठक में अगले दो दिनों में सरकार बनाने का दावा पेश करने पर चर्चा की गई। वहीं, शिवसेना नेता और मंत्री उदय सामंत भी शिंदे गुट में शामिल हो गए हैं। उदय सामंत महाराष्ट्र सरकार में उच्च शिक्षा व तकनीकी मंत्री हैं। इसके साथ ही शिवसेना कोटे के ज्यादातर मंत्री अब एकनाथ शिंदे के साथ हैं।
शिंदे गुट ने SC का किया रुख, सभी मोर्चों पर की हस्तक्षेप की मांग
वहीं, आज शिंदे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं लगाई गई हैं। शिंदे गुट ने सभी मोर्चों पर हस्तक्षेप की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। अयोग्यता नोटिस, अविश्वास प्रस्ताव की अस्वीकृति और साथ ही विधायक दल के नेता की नियुक्ति पर याचिकाएं लगाई गई हैं। याचिका पर कल सोमवार को तत्काल सुनवाई की मांग की गई है।
शिंदे गुट ने सुप्रीम कोर्ट से विधानसभा के उपसभापति को विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की है। वहीं, अजय चौधरी के विधायक दल का नेता बनाए जाने को भी चुनौती दी गई है। साथ ही याचिका में डिप्टी स्पीकर के खिलाफ शिंदे कैंप की ओर से भेजे गए अविश्वास प्रस्ताव को खारिज किए जाने का भी जिक्र किया गया है।
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