दशहरा रैली को लेकर आमने-सामने आए उद्धव और शिंदे गुट, कौन करेगा शिवाजी पार्क में सभा? यहां जानें
शिवसेना में फूट पड़े एक साल से ज्यादा वक्त बीत चुका है। उद्धव ठाकरे के हाथों से पार्टी का नाम और सिंबल दोनों ही छिन चुका है। इसके बाद भी शिंदे और ठाकरे गुट के बीच समय-समय पर तनाव सामने आ ही जाता है।
महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की शिवसेना और उद्धव ठाकरे सेना के बीच तनाव अब तक शांत नहीं हुआ है। दोनों गुट समय-समय पर एक दूसरे पर निशाना साधने का कोई भी मौका नहीं छोड़ते। अब दोनों गुट मुंबई के शिवाजी पार्क में होनी वाली सालाना दशहरा रैली को लेकर भी आमने सामने आ गए थे। हालांकि, महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने बड़ा फैसला लेते हुए इस विवाद को शांत कर दिया है।
क्यों खास है दशहरा रैली?
मुंबई का शिवाजी पार्क मैदान ऐतिहासिक है। यहीं पर बालासाहब ठाकरे ने शेर की दहाड़ लगाते हुए शिवसेना की स्थापना की थी। पिछले 55 वर्षों से शिवाजी पार्क पर ठाकरे परिवार सालाना दशहरा रैली को संबोधित करते आ रहा है। 1966 से लेकर 2012 तक बाला साहब ठाकरे और उसके बाद 2013 से लेकर अब तक उद्धव ठाकरे, दशहरा रैली को संबोधित कर रहें हैं। हालांकि, अब शिवसेना में टूट हो चुकी है और उद्धव ठाकरे से उनके पार्टी का नाम और सिंबल दोनों ही छिन गया है।
कौन करेगा शिवाजी पार्क में रैली?
इस साल शिवाजी पार्क पर दशहरा रैली आयोजित करने के लिए ठाकरे सेना और शिंदे सेना दोनों ने ही बीएमसी में याचिका दी थी और दोनों ने कहा था कि वही असली शिवसेना है। दोनों दलों में से किसी एक को भी अगर शिवाजी पार्क में रैली की इजाजत दी जाती तो लॉ एंड ऑर्डर की समस्या हो सकती थी। शायद इसलिए बीएमसी ने याचिका मिलने के बाद भी करीब महीने भर तक कोई फैसला नहीं लिया है। दशहरा रैली के लिए इजाजत मिलने में हो रही देरी पर भड़के ठाकरे सेना ने ऐलान कर दिया था कि अगर बीएमसी ने उनके हक में फैसला नहीं दिया तो वह अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। बीएमसी का कहना है कि जल्द ही ठाकरे सेना की याचिका पर फैसला लिया जाएगा।
सीएम शिंदे का बड़ा फैसला
शिंदे सेना ने फैसला किया कि हिंदुओं के सबसे बड़े पर्व के दौरान कोई अप्रिय घटना नहीं होनी चाहिए। शिंदे सेना ने ऐलान कर दिया कि वह शिवाजी पार्क पर अपना दावा छोड़ रहे हैं। सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि उन्होंने दशहरा रैली के लिए क्रॉस मैदान और ओवल मैदान के लिए अर्जी दी है। राज्य सरकार में मंत्री दीपक केसरकर ने कहा कि उनको (उद्धव सेना) जहां दशहरा रैली करनी है करने दीजिए, हमे कोई झगड़ा नही करना हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि विचार तो उनके पास बचे नही है, हिंदुत्व या वीर सावरकर के बारे में कोई बोल दे तो उस पर भी बोलने के लिए कतराते है।
ठाकरे सेना में खुशी की लहर
शिंदे सेना के पीछे हटने के बाद ठाकरे कैंप में खुशी के लहर दौड़ गई है। कार्यकर्ताओं को शिवाजी पार्क में दशहरा रैली मनाने के लिए मुंबई पहुंचने को कहा गया है। ठाकरे सेना ने ऐलान कर दिया है कि बीएमसी की इजाजत मिले या ना मिले लेकिन दशहरा रैली शिवाजी पार्क में ही होगी। उद्धव गुट के सांसद संजय राउत ने कहा है कि कोई भी ठाकरे की दशहरा रैली को रोक नहीं सकता है। उन्होंने कहा कि कोशिश बहुत होती है, बार-बार होती है कि ठाकरे की दशहरा रैली ना हो। हमें रोकने की कोशिश की जाती है, लेकिन ईश्वर की ताकत हमारे साथ है, हम पर आशीर्वाद है।
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