Maharashtra Crisis: असम के गुवाहाटी के जिस लग्जरी होटल में महाराष्ट्र के मंत्री एकनाथ शिंदे सहित शिवसेना के बागी विधायक पिछले कुछ दिनों से डेरा डाले हुए हैं, उसकी सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी कर दी गई है, वहीं वकीलों, वरिष्ठ पुलिस एवं सरकारी अधिकारियों को होटल में प्रवेश करते देखा गया। शिवसेना की मणिपुर इकाई के अध्यक्ष एम. टॉम्बी सिंह बागी विधायकों से मिलने होटल आए थे, लेकिन उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी गई।
उन्होंने कहा कि वह उन्हें (बागी विधायकों को) यह समझाने आए थे कि पार्टी में बंटवारा नहीं किया जाए। सिंह ने दावा किया कि होटल आने से पहले उन्होंने मुंबई में कुछ लोगों से संपर्क किया था। सिंह ने होटल के बंद गेट के सामने पत्रकारों से कहा, "मैं यहां एकनाथ शिंदे से यह कहने आया हूं कि शिवसेना में विभाजन नहीं होना चाहिए। हम चाहते हैं कि राजनीतिक संकट जल्द समाप्त हो।"
'मैं उन्हें घर वापसी के लिए कहना चाहता हूं'
एक सवाल के जवाब में मणिपुर के शिवसेना प्रमुख ने कहा, "मैं उन्हें 'घर वापसी' के लिए कहना चाहता हूं। शिवसेना को दो दल में विभक्त नहीं होना चाहिए।" यद्यपि बागी विधायकों के 22 जून को सूरत से गुवाहाटी पहुंचने के बाद से ही होटल में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया था, लेकिन सोमवार की सुबह से एक रजिस्टर में दर्ज किया जाने लगा है कि कौन होटल के अंदर आ रहा है और कौन बाहर। रेडिसन ब्लू होटल के सामने एक पुलिस अधिकारी ने बताया, "हम आज से रजिस्टर रख रहे हैं। हम नहीं जानते कि इसे अचानक क्यों शुरू किया गया। हम वही कर रहे हैं जो हमें कहा गया है।"
सुबह से कई अधिकारी पहुंचे होटल
पुलिस के विशेष महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह सुबह से ही होटल के भीतर हैं, जबकि गुवाहाटी पुलिस के संयुक्त आयुक्त पार्था सारथी महंता वहां दोपहर में पहुंचे हैं। कई अन्य आईपीएस अधिकारी भी आए हैं। असम प्रदेश आपदा प्रबंधन अधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ज्ञानेंद्र त्रिपाठी होटल आए हैं।
जल प्रबंधन विभाग के मुख्य अभियंता की तख्ती लगी एक कार भी होटल गई थी। ये गाड़ियां करीब दो घंटों के बाद होटल से चली गईं। यह नहीं पता चल सका है कि ये अधिकारी होटल क्यों आए थे? गौहाटी हाई कोर्ट के वकील की तख्ती लगी कई कार को होटल में प्रवेश करते हुए देखा गया है।
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