सदन की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित, मणिपुर मामले की चर्चा पर अड़ा है विपक्ष
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा सदन की कार्यवाही चलने देने की अपील की गई, जिसका विपक्षी दलों पर कोई असर नहीं हुआ और नारेबाजी जारी रही।
लोकसभा में गुरुवार के दिन कार्यवाही शुरू होने से पहले ही मणिपुर मामले को लेकर विपक्षी दलों ने नारेबाजी शुरू कर दी। इसके कुछ ही देर बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही को 2 बजे तक स्थगित कर दिया। निचले सदन में विपक्षी दल जैसे कांग्रेस, द्रमुक, टीएमसी समेत अन्य पार्टियां मणिपुर मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सदन में बयान देने और इस मामले पर विस्तृत चर्चा करने की मांग पर अड़े हुए हैं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा सदन की कार्यवाही चलने देने की अपील की गई, जिसका विपक्षी दलों पर कोई असर नहीं हुआ और नारेबाजी जारी रही।
सदन की कार्यवाही स्थगित
कार्यवाही शुरू होते ही लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने प्रश्नकाल शुरू कराया और सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भारतीय जनता पार्टी के सदस्य निशिकांत दुबे के पूरक प्रश्नों के उत्तर दिए। इस दौरान विपक्ष के सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी कर रहे थे और तख्तियां लहरा रहे थे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों से नारेबाजी बंद कर सदन चलने देने की अपील की। हंगामे के बीच उन्होंने कहा कि इस तरह से सदन नहीं चल पाएगा। उन्होंने विपक्षी सदस्यों से कहा, ‘‘इस सदन की श्रेष्ठ और उच्च परंपराएं तथा मर्यादाएं रही हैं। लेकिन आप जिस तरह का व्यवहार और आचरण कर रहे हैं, वह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है और आपको शोभा नहीं देता।’’
विपक्ष की मांग
अध्यक्ष ओम बिरला ने आगे कहा, ‘‘मैं आपसे फिर से अनुरोध करता हूं कि सदन की मर्यादा और गरिमा को बनाकर रखें। हमें लोगों की भावनाओं और अभिव्यक्ति को सदन में रखना है।’’ उन्होंने सदन में तख्तियां दिखाने पर नाराजगी जताते हुए कहा, ‘‘आप संबंधित मंत्रियों के सामने तख्ती दिखाते हैं। यह तरीका उचित नहीं है और संसदीय परंपराओं के अनुरूप नहीं है। पूरा देश यह देख रहा है।’’ बिरला ने कहा कि सदस्य सदन में चर्चा और संवाद करें, वह सभी को पर्याप्त समय और मौका देंगे। उन्होंने कहा, ‘‘आप इसी तरह का व्यवहार करेंगे तो सदन इस तरह नहीं चल पाएगा।’’ इसके बाद कार्यवाही शुरू होने के चंद मिनटों बाद ही सदन की कार्यवाही को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। गौरतलब है कि विपक्षी दलों द्वारा मणिपुर मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र से संसद में वक्तव्य देने और इस मामले पर चर्चा करने की मांग की जा रही है।
(इनपुट-भाषा)