केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने आज मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। शाम 4 बजे वह बिहार के लिए रवाना होंगे। बता दें कि सोमवार को दिल्ली में NDA द्वारा बिहार की सभी 40 लोकसभा सीटों के बंटवारे की घोषणा के बाद पारस ने अपने सरकारी आवास पर पार्टी के नेताओं के साथ बैठक की। बताया जा रहा है कि इस बैठक में एनडीए से नाता तोड़कर महागठबंधन में शामिल होने का फैसला लिया गया। हालांकि अभी आधिकारिक ऐलान नहीं किया है।
एक 'सीट' के चलते बिगड़ा सारा खेल?
बता दें कि कई दिनों से चल रही खींचतान के बाद सोमवार को बिहार में NDA ने सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय कर लिया जिसके तहत, बिहार की 40 में से 17 सीटों पर बीजेपी, 16 पर जेडीयू, पांच पर एलजेपी और बची दो सीटों में से एक-एक पर हिंदुस्तानी आवामी मोर्चा (हम) और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा चुनाव लड़ेगी। सीट शेयरिंग के तहत, चाचा पशुपति पारस को एक भी सीट नहीं दी गई है। माना जा रहा है कि ये सारा खेल एक सीट पर लड़ने की जिद के कारण बिगड़ गया।
पशुपति पारस हाजीपुर सीट मांग रहे थे जबकि यही सीट चिराग पासवान भी मांग रहे थे। हाजीपुर वही सीट है, जहां से चिराग के पिता रामविलास पासवान 9 बार लोकसभा सांसद रहे थे। 2019 में पशुपति पारस यहां से पहली बार चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे।
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