नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में, और गुरुवार को राज्यसभा में विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कांग्रेस को खासतौर से निशाने पर लिया और शेरों और दोहों के जरिए तंज कसकर 2 दिनों में 2 बार महफिल लूट ली। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए काका हाथरसी और माणिक वर्मा जैसे हास्य कवियों के दोहों और जिगर मुरादाबादी और दुष्यंत कुमार जैसे नामचीन शायरों के शेरों का इस्तेमाल कर उन्हें चर्चा में ला दिया।
‘वो अब चल चुके हैं, वो अब आ रहे हैं’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर तंज कसने के लिए सबसे पहले जिगर मुरादाबादी के मशहूर शेर का इस्तेमाल किया। राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ और पिछले दिनों संसद में दिए उनके भाषण से उत्साहित कांग्रेस पर तंज कसते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘ये कह कह के हम दिल को बहला रहे हैं, वो अब चल चुके हैं, वो अब आ रहे हैं।’ वहीं, कांग्रेस के घटते जनाधार का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने दुष्यंत कुमार की मशहूर गजल का शेर कहा, ‘तुम्हारे पांव के नीचे कोई जमीन नहीं, कमाल ये है कि फिर भी तुम्हें यकीन नहीं।’
‘कीचड़ उसके पास था, मेरे पास गुलाल…’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी विपक्ष पर तंज कसने के लिए दोहे का इस्तेमाल किया। प्रधानमंत्री मोदी ने जैसे ही प्रसिद्ध हास्य कवि माणिक वर्मा के दोहे ‘कीचड़ उसके पास था, मेरे पास गुलाल, जो भी जिसके पास था, उसने दिया उछाल’ को कहा, पूरा सदन तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। बुधवार को लोकसभा में भी मोदी ने दिग्गज हास्य कवि काका हाथरसी के एक दोहे का इस्तेमाल कर महफिल लूटी थी। प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा था, ‘आगा-पीछा देखकर, क्यों होते गमगीन। जैसी जिसकी भावना, वैसा दिखे सीन।’
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