भारतीय चुनाव आयोग ने मणिपुर की बाहरी मणिपुर लोकसभा सीट के छह मतदान केंद्रों में दोबारा मतदान कराने का फैसला किया है। इन सभी केंद्रों पर दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान हुआ था, लेकिन हिंसा की वजह से चुनाव आयोग ने 26 अप्रैल के मतदान को अमान्य करार दिया है। अब यहां 30 अप्रैल को छह मतदान केंद्रो पर दोबारा मतदान होगा। तीसरे चरण का मतदान सात मई को होना है और चुनाव आयोग के पास दोबारा मतदान कराने के लिए समय भी है।
मणिपुर में मैतेयी और कुकी समुदाय के बीच तनाव के चलते लगातार हिंसा हो रही है। इसी वजह से यहां मतदान कराने में चुनाव आयोग को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है। राज्य में दो लोकसभा सीटें हैं और यहां 12 दिन के अंदर चौथी बार मतदान होगा। मणिपुर में पहली बार 19 अप्रैल को मतदान हुआ था। इसके बाद 11 बूथ पर 22 अप्रैल को दोबारा मतदान हुआ। 26 अप्रैल को दूसरे चरण का मतदान हुआ और अब 30 अप्रैल को भी यहां छह पोलिंग बूथ पर मतदान होना है। मतदान का समय सुबह सात बजे से शाम चार बजे तक रखा गया है।
क्यों हो रहा दोबारा मतदान?
मणिपुर में कुकी और मैतेयी समुदाय के बीच पिछले एक साल से हिंसक झड़प जारी है। इसी को ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग ने यहां की बाहरी मणिपुर सीट पर दो चरण में मतदान करना का फैसला किया था। यह देश की एकमात्र लोकसभा सीट थी, जहां दो चरण में मतदान होना था। हालांकि, 19 अप्रैल को पहले चरण के मतदान में ही जमकर हिंसा हुई और चुनाव आयोग को भीतरी मणिपुर के 11 बूथ पर दोबारा मतदान कराना पड़ा। इसके बाद बाहरी मणिपुर में वोटिंग हुई और यहां भी जमकर हिंसा हुई। ईवीएम को तोड़ा गया और मतदाताओं को धमकाने की वीडियो भी सामने आए। इसी वजह से यहां दोबारा मतदान कराया जा रहा है।
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