चुनाव फ्लैशबैक: भारत में विरासत की संपत्ति में टैक्स लगाने की वकालत कर सीनियर कांग्रेस नेता और इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बैठे-बैठाए मुद्दा दे दिया है। सैम पित्रोदा ने बयान से कांग्रेस बैकफुट पर आ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत बीजेपी के सीनियर नेता सैम पित्रोदा के बयान पर कांग्रेस को घेरना शुरू कर दिए हैं। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब सैम पित्रोदा के बयान पर विवाद हुआ है। पहले भी कई मौकों पर उन्होंने विवादित टिप्पणियां कीं और बाद में यू-टर्न ले लिया।
लोकसभा चुनाव 2019 में सिख दंगे को लेकर दिया था विवादित बयान
लोकसभा चुनाव 2019 में भी सैम ने 1984 के सिख विरोधी दंगों पर "हुआ-तो-हुआ" (जो कुछ भी हुआ) टिप्पणी की थी। हालांकि बाद में कांग्रेस की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद पित्रोदा ने अपने "हुआ-तो-हुआ" टिप्पणी के लिए माफी मांगी और कांग्रेस ने खुद को उनके बयान से दूरी बना ली।
पित्रोदा के बयान पर पीएम मोदी ने कांग्रेस को घेरा
पीएम मोदी ने उस समय भी पित्रोदा के बयान को लेकर रैलियों में खूब कांग्रेस को घेरा था। कांग्रेस की आलोचना करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि यह सबसे पुरानी पार्टी के "चरित्र और अहंकार" को प्रदर्शित करता है। मई 2019 में मध्य प्रदेश के खंडवा में एक चुनावी सभा में मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने हमारी धार्मिक विरासत को बदनाम करने के लिए 'हिंदू आतंकवाद' की साजिश रची।
बीजेपी ने हर बार मौके को भुनाया
चुनावी मौसम में पीएम मोदी ने यह कहकर मौके को भुनाया कि कांग्रेस लोगों की संपत्ति छीनना चाहती है। पित्रोदा द्वारा शुरू किए गए विवाद ने कांग्रेस को बैकफुट पर धकेल दिया। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने स्पष्टीकरण दिया जिन्होंने कहा कि पित्रोदा के विचार पार्टी के रुख को प्रतिबिंबित नहीं करते हैं।
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