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Hindi News भारत राजनीति Lok sabha elections 2024: बीजेपी से टिकट कटने के बाद अब क्या करेंगे वरुण गांधी? मां मेनका गांधी ने दिया जवाब

Lok sabha elections 2024: बीजेपी से टिकट कटने के बाद अब क्या करेंगे वरुण गांधी? मां मेनका गांधी ने दिया जवाब

बीजेपी से टिकट कटने के बाद वरुण गांधी अब क्या करेंगे? ये सवाल न केवल सत्ता के गलियारों में घूम रहा है बल्कि आम जनता भी इस सवाल का जवाब जानना चाहती है। इस सवाल पर वरुण की मां मेनका गांधी की प्रतिक्रिया सामने आई है।

Varun Gandhi, Maneka Gandhi- India TV Hindi Image Source : PTI/FILE वरुण गांधी और उनकी मां मेनका गांधी

सुल्तानपुर: बीजेपी सांसद वरुण गांधी के टिकट कटने के बाद उनकी मां और बीजेपी सांसद मेनका गांधी का बयान सामने आया है। मेनका ने कहा है कि वह बहुत खुश है क्योंकि वह बीजेपी में हैं। इसके लिए मेनका ने पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को धन्यवाद भी दिया। 'वरुण गांधी अब क्या करेंगे?' इस सवाल के जवाब में मेनका ने कहा कि ये तो उनसे पूछें कि वह क्या करना चाहते हैं। हम चुनाव के बाद इस पर विचार करेंगे। अभी समय है। 

मेनका ने क्या कहा?

मेनका गांधी ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं कि मैं बीजेपी में हूं। मुझे टिकट देने के लिए मैं अमित शाह, पीएम मोदी और जेपी नड्डा को धन्यवाद देती हूं। टिकट की घोषणा बहुत देर से की गई, इसलिए दुविधा थी कि मुझे कहां से लड़ना चाहिए। पीलीभीत से या सुल्तानपुर। 

उन्होंने कहा कि पार्टी ने अब जो फैसला लिया है, उसके लिए मैं आभारी हूं। मैं बहुत खुश हूं कि मैं सुल्तानपुर वापस आई क्योंकि इस जगह का एक इतिहास है कि सुल्तानपुर में कोई भी सांसद दोबारा सत्ता में नहीं आया। टिकट मिलने के बाद यह उनका सुल्तानपुर का पहला दौरा था। मेनका जिले के अपने 10 दिवसीय दौरे पर वह पूरे लोकसभा क्षेत्र के 101 गांवों का दौरा करेंगी। 

वरुण ने जनता के नाम लिखा था भावुक संदेश

दरअसल बीजेपी ने इस बार पीलीभीत से वरुण गांधी को टिकट नहीं दिया है। बीजेपी ने पीलीभीत से मौजूदा सांसद वरुण गांधी के बजाए जितिन प्रसाद को टिकट दिया है। हालही में वरुण गांधी ने पीलीभीत की जनता के नाम एक भावुक संदेश लिखा था। उन्होंने कहा था कि आपका प्रतिनिधि होना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान रहा है और मैंने हमेशा अपनी पूरी क्षमता से आपके हितों के लिए आवाज उठाई है।

वरुण गांधी ने अपने पत्र में कहा था कि अनगिनत यादों ने मुझे भावुक कर दिया है। मुझे वो 3 साल का छोटा सा बच्चा याद आ रहा है जो अपनी मां की उंगली पकड़कर 1983 में पहली बार पीलीभीत आया था, उसे कहां पता था एक दिन यह धरती उसकी कर्मभूमि और यहां के लोग उसका परिवार बन जाएंगे। उन्होंने कहा कि एक सांसद के तौर पर मेरा कार्यकाल भले समाप्त हो रहा हो, पर पीलीभीत से मेरा रिश्ता अंतिम सांस तक खत्म नहीं हो सकता।

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