चुनाव के बीच क्यों हो रही 'वोट जिहाद' की चर्चा, किसने की शुरुआत, कौन क्या बोला? जानें
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर तीन फेज के लिए वोटिंग संपन्न हो चुकी है। हालांकि, चुनाव प्रचार के बीच वोट जिहाद का शब्द काफी चर्चा में है। आइए जानते हैं कि इसकी शुरुआत कैसे और कहां से हुई और नेता इस पर क्या कह रहे हैं।
लोकसभा चुनाव 2024 के बीच अचानक से 'वोट जिहाद' की चर्चा जोरों पर है। देश में अब से पहले तक लव जिहाद और लैंड जिहाद की चर्चा हो रही थी। लेकिन अब वोट जिहाद भी चर्चा का विषय बन गया है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी रैली में इस शब्द पर बड़ा हमला बोला है। लेकिन इस वोट जिहाद शब्द की शुरुआत हुई कैसे? इसका मतलब क्या है? अब तक किस नेता ने इस मुद्दे पर क्या-क्या कहा है? आइए जानते हैं इन सभी सवालों के जवाब हमारी इस खबर में।
उत्तर प्रदेश से हुई शुरुआत
कांग्रेस के सीनियर लीडर सलमान खुर्शीद की भतीजी मारिया आलम ने पहली बार वोट जिहाद शब्द का प्रयोग किया। मारिया आलम समाजवादी पार्टी की नेता भी हैं। मारिया आलम ने मुसलमानों से बीजेपी के खिलाफ एकजुट होकर वोट करने की अपील की थी। मारिया आलम ने ये भी अपील की थी कि जो मुसलमान बीजेपी का समर्थन या वोट करेगा, वैसे मुसलमानों को बहिष्कार किया जाए। उन्होंने ये बातें 30 अप्रैल को फर्रूखाबाद की एक सभा में कही थी।
महाराष्ट्र भी पहुंची वोट जिहाद की अपील
महाराष्ट्र में भी वोट जिहाद का खुलासा हुआ है। महाराष्ट्र के डिप्टी चीफ मिनिस्टर देवेन्द्र फडणवीस ने कहा है कि राज्य में मस्जिदों से कॉल दी जा रही है। जलसों में मुसलमानों से कहा जा रहा है कि उनका सिर्फ एक ही टारगेट है- बीजेपी को हराना। फडणवीस ने कहा कि चुनाव से पहले मजहब के नाम पर जिस तरह से वोटर्स को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है, ये चुनाव आयोग को देखना चाहिए।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने की अपील
महाराष्ट्र में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और कुल जमाती संगठन ने वोटिंग से पहले महाराष्ट्र में पीएम मोदी को हराने की कॉल दी है। बोर्ड ने साफ साफ एलान किया कि मुसलमान पार्टी न देखें, उम्मीदवार न देखें। उस कैंडीडेट को वोट दें जो बीजेपी के उम्मीदवारों को हराने की स्थिति में हो। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से मुसलमानों को सीटों और उम्मीदवारों के नाम बताकर कहा गया कि किसे वोट देना है और किसको हराना है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के मंच से मुसलमानों से एकजुट होकर वोटिंग करने की अपील की गई। कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की पार्टी और शरद पवार की पार्टी के कैंडिडेट के नाम का ऐलान किया गया और उन्हें जिताने की अपील की गई।
पीएम मोदी ने साधा निशाना
पीएम मोदी ने खरगोन में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था कि उसकी मंशा बहुत खतरनाक है और वह मोदी के खिलाफ वोट जिहाद का आह्वान करती है। पीएम मोदी ने मंच से जनता को कहा कि देश का इतिहास अब एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है। लोगों को तय करना होगा कि भारत वोट जिहाद से चलेगा या राम राज्य से। पीएम ने ये भी कहा कि INDI गठबंधन के दलों को जनता के भाग्य की चिंता नहीं है।
विपक्षी नेता क्या बोले?
एनसीपी (शरद पवार) के नेता जितेंद्र आह्वाड़ ने इस मामले पर कहा है कि अगर अपने समाज के लिए कोई हिंदू मुस्लिम कोई पंडित कोई बौद्ध भिक्षु वोट माँगे तो उसमें ग़लत क्या है? उन्होंने कहा कि बीजेपी विकास या काम पर चुनाव नहीं जीत सकती इसलिए ऐसे फिज़ूल की बात करती है। वहीं, सपा नेता अबू आजमी ने कहा है कि अगर मुस्लिम समाज के कुछ लोग इकट्ठा होकर चर्चा कर रहे हैं और फ़ैसला ले रहे हैं कि किसने उनके साथ न्याय किया तो इसमें ग़लत कुछ नहीं है। अलग-अलग तबकों और समाज के लोग इस तरह से मीटिंग करते ही हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे तो लाखों की रैली में लोग घोषणा कर देते हैं किसको जिताना है किसको हराना है। ये कोई वोट जिहाद नहीं है।
ये भी पढ़ें- 'दक्षिण भारतीय अफ्रीकी और पूर्वोत्तर वाले चीनी लगते हैं', सैम पित्रौदा ने फिर दिया अजीब बयान
'लोग तय करें कि देश वोट जिहाद से चलेगा या राम राज्य से', पीएम मोदी का कांग्रेस पर निशाना