राहुल गांधी ने पूर्व जजों के लेटर का दिया जवाब, कहा- अगर पीएम मोदी सहमत हों तो सार्वजनिक डिबेट को तैयार
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि वह चुनाव में जनता के सामने पीएम मोदी के साथ सार्वजनिक बहस को तैयार हैं। बशर्ते पीएम मोदी इसके लिए राजी हों।
नई दिल्लीः कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने शनिवार को लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सार्वजनिक बहस का अनुरोध औपचारिक रूप से स्वीकार कर लिया। यह निमंत्रण सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मदन बी लोकुर, हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एपी शाह और वरिष्ठ पत्रकार एन राम ने दिया था। तीनों ने पत्र लिखकर पीएम मोदी और राहुल गांधी को 2024 के चुनावों के प्रमुख मुद्दों पर सार्वजनिक बहस के लिए अनुरोध किया था।
राहुल गांधी ने कही ये बात
9 मई को लिखे पत्र में प्रत्येक पक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों और प्रत्यारोपों का उल्लेख किया गया है और कहा गया है कि हमारा मानना है कि गैर-पक्षपातपूर्ण और गैर-व्यावसायिक मंच पर सार्वजनिक बहस के माध्यम से हमारे राजनीतिक नेताओं को सीधे सुनने से नागरिकों को काफी लाभ होगा। एक दिन बाद राहुल गांधी ने बहस के अनुरोध को स्वीकार करते हुए एक्स हैंडल कहा कि या तो वह खुद या कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे भाग लेने में प्रसन्न होंगे।
राहुल गांधी ने की मल्लिकार्जुन खड़गे से चर्चा
उन्होंने कहा कि मैंने आपके अनुरोध पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से चर्चा की है। हम इस बात से सहमत हैं कि इस तरह की बहस से लोगों को हमारे संबंधित दृष्टिकोण को समझने में मदद मिलेगी और वे एक विकल्प चुनने में सक्षम होंगे। चुनाव लड़ने वाली प्रमुख पार्टियों के रूप में जनता सीधे अपने नेताओं को सुनने की हकदार है।राहुल गांधी ने कहा कि बहस के विवरण और प्रारूप पर यदि प्रधानमंत्री भाग लेने के लिए सहमत हों तो चर्चा की जा सकती है।
राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर साधा निशाना
वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को दावा किया कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की आंधी हर जगह है और नरेन्द्र मोदी चार जून के बाद प्रधानमंत्री नहीं होंगे। उन्होंने बहन प्रियंका गांधी वाद्रा द्वारा महाराष्ट्र के नंदूरबार में एक रैली में उमड़ी भीड़ के सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो को साझा करते हुए यह बात कही। राहुल गांधी ने लिखा, “महाराष्ट्र हो या उत्तर प्रदेश, हरियाणा हो या बिहार, हर तरफ ‘इंडिया’ की आंधी चल रही है। मैं फिर कहता हूं - चार जून के बाद नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं रहने वाले।