नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए प्रचार का शोर गुरुवार की शाम को थम गया। बीते कुछ महीनों में विभिन्न सियासी दलों की तरफ से जनता को अपने पक्ष में मतदान के लिए प्रेरित करने की खातिर तमाम तरह के नारे गढ़े गए। चुनावी नारों के इस शोर में इस बार बीजेपी का ‘अबकी बार, 400 पार’ का नारा सबसे ज्यादा चर्चा में रहा। कहा जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस नारे को लेकर पक्ष और विपक्ष दोनों तरफ के लोगों ने खूब बातें कीं। अब इस नारे ने बीजेपी को फायदा पहुंचाया या नुकसान, यह तो 4 जून को मतगणना के दिन साफ हो जाएगा।
बीजेपी के चुनावी नारों ने खूब चर्चा बटोरी
बता दें कि 2014, 2019 और 2024 के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के चुनावी नारों ने खूब चर्चा बटोरी। पहले चुनाव में जहां पार्टी का नारा 'अबकी बार मोदी सरकार' छाया रहा, वहीं 2019 में ‘मैं भी चौकीदार’ ने सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरी। इस बार भी ‘मैं हूं मोदी का परिवार’ और ‘अबकी बार, 400 पार’ लोगों की जुबान पर छाया रहा। इसके अलावा ‘मोदी की गारंटी’ को भी लोगों ने खूब पसंद किया। हालांकि इन सभी नारों पर ‘अबकी बार, 400 पार’ भारी पड़ा क्योंकि विपक्ष ने भी इस नारे पर बीजेपी को घेरने की कोशिश की। विपक्ष ने इस नारे की आड़ में बीजेपी पर आरक्षण खत्म करने, संविधान बदलने के लिए 400 पार का नारा देने का आरोप लगाया।
‘हाथ बदलेगा हालात’ को भी पसंद किया गया
चुनावी नारों के संदर्भ में कांग्रेस की बात करें तो 'हाथ बदलेगा हालात' और 'न्याय योजना' के स्लोगन ने भी अच्छी-खासी चर्चा बटोरी। हालांकि पिछले 2 लोकसभा चुनावों की तरह इस बार भी बीजेपी के चुनावी नारों की चर्चा सबसे ज्यादा रही और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी यह बात कही कि विपक्ष ‘अबकी बार, 400 पार’ के नारे में फंस गया। इन तीनों चुनावों में BJP के नारों के जरिए PM मोदी ने चुनावी कैंपेन का एक एजेंडा सेट किया और विपक्ष इससे बाहर आने के लिए छटपटाता नजर आया। कांग्रेस पार्टी के तमाम नारे BJP के नारों के बीच वैसा असर पैदा करते नहीं दिखे जिसकी कांग्रेस ने उम्मीद की होगी।
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