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Hindi News भारत राजनीति 'स्वाति मालीवाल के न्याय के लिए हम भी आवाज उठाएंगे', इंडिया टीवी पर माधवी लता EXCLUSIVE

'स्वाति मालीवाल के न्याय के लिए हम भी आवाज उठाएंगे', इंडिया टीवी पर माधवी लता EXCLUSIVE

भारतीय जनता पार्टी की फायर ब्रांड नेता माधवी लता ने कहा कि स्वाति मालीवाल के साथ न्याय हो इसके लिए वे भी आवाज उठाएंगी। उन्होंने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर भी तंज कसा।

Madhvi lata, BJP- India TV Hindi Image Source : INDIA TV माधवी लता, बीजेपी नेता

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी की फायर ब्रांड नेता माधवी लता ने इंडिया टीवी के कार्यक्रम में स्वाति मालीवाल के मुद्दे का जिक्र किया और कहा कि उनके साथ न्याय के लिए हम भी आवाज उठाएंगे। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल स्वयं आग लगा रहे हैं। 'बेचारी स्वाति जी.. एक औरत होने के नाते हमें भी उनके लिए आगे आना चाहिए.. हमें पार्टी से कोई लेना देना नहीं है...हम सब स्त्री हैं और हम नारी शक्ति को दिखा कर ही रहेंगे..उनके न्याय के लिए हम भी आवाज उठाएंगे।' वहीं माधवी लता ने 'चिंगारी कोई भड़के' गाने की पंक्तियां भी सुनाई और आम आदमी पार्टी के अंदर चल रही उठापटक पर तंज भी कसा।

कहीं एक जगह टिक तो जाओ भैया.

वहीं राहुल गांधी से जुड़े एक सवाल पर माधवी लता ने कहा कि राहुल गांधी जी राम मंदिर का विरोध करते थे.. जो मुंह में आता था वो बोलते थे और फिर यही राहुल गांधी जी मंदिर जाकर चंदन-वंदन लगाकर निकलते हैं। उन्होने कहा,' एक कदम एक नाव पर और दूसरा कदम दूसरे नाव पर रखते हैं.. कहीं एक जगह टिक तो जाओ भैया.. या तो प्यार करो या द्वेष करो...जनता सब समझती है।'

ओवैसी ने एक भी मैनिफेस्टो रिलीज नहीं किया

वहीं असदुद्दीन ओवैसी से जुड़े सवाल पर माधवी लता ने कहा कि ओवैसी जी ने चालीस साल में एक भी मैनिफेस्टो रिलीज नहीं किया। उन्होंने कहा- ओवैसी बताएं कि लोगों को आपको क्यों चुनना चाहिए.. किया क्या आपने वहां.. आज भी वहां प्रॉपर्टी की कीमत बगल के जिले से कम है। दलित और गरीब रो रहे हैं। गंदी गलियां और मोहल्ले हैं। मजहब के नाम से देश नहीं बढ़ता है।'

घूंघट और बुर्के में कोई फर्क नहीं 

वहीं विरोधियों द्वारा ड्रामा क्वीन कहने पर माधवी लता ने कहा कि जिन लोगों के पास विकास और तरक्की के मु्द्दे नहीं होते हैं वे लोग ही ऐसी बातें करते हैं.. जिनके पास क्षमता है उनके बारे में गलत बातें फैलाकर ही ये आगे बढ़ना चाहते हैं। ऐसे लोगों से मेरा कोई लेना-देना नहीं है। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि हम मजहब के नाम पर भेदभाव नहीं करते। घूंघट और बुर्के में कोई फर्क नहीं है।

 

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