नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के पहले 2 फेज की वोटिंग अंतिम आंकड़े जारी करने में देरी को लेकर विपक्षी दलों की आलोचना झेल रहे चुनाव आयोग ने शुक्रवार को बड़ा बयान दिया है। चुनाव आयोग ने इस मसले पर बयान जारी करते हुए कहा है कि वह वोटिंग के आंकड़े समय पर जारी करने को उचित महत्व देता है। आयोग की ओर से जारी एक प्रेस रिलीज में कहा गया है कि प्रत्येक मतदान केंद्र पर मतदाताओं के पहुंचने की संख्या को फॉर्म 17सी में दर्ज किया जाता है। पारदर्शिता के लिए पीठासीन अधिकारी और सभी उपस्थित मतदान एजेंटों द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित फॉर्म 17सी की प्रतियां सभी उपस्थित मतदान एजेंटों के साथ साझा की जाती हैं।
EC ने मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने की पहल तेज की
चुनाव आयोग ने बयान में कहा कि इस प्रकार निर्वाचन क्षेत्र ही नहीं बूथवार मतदान का आंकड़ा भी उम्मीदवारों के पास उपलब्ध होता है, जो एक वैधानिक आवश्यकता है। बयान में कहा गया है कि आयोग प्रत्येक चरण के मतदान के बाद मतदान प्रतिशत के आंकड़े समय पर जारी करने को उचित महत्व देता है। चुनाव आयोग ने बयान में कहा कि उसकी कार्य-प्रणाली में प्रकटीकरण और पारदर्शिता महत्वपूर्ण हैं। निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव के पहले 2 चरणों में मतदान में मामूली गिरावट को देखते हुए मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने की पहल तेज कर दी है।
वोटिंग प्रतिशत को बढ़ाने के लिए जोर लगा रहा चुनाव आयोग
बता दें कि पहले चरण में 66.14 प्रतिशत मतदान हुआ है जबकि दूसरे चरण में 66.71 प्रतिशत मतदान हुआ है। यह 2019 के लोकसभा चुनाव मुकाबले थोड़ा कम है। आयोग के मुताबिक उसने अपना सारा ध्यान मतदाताओं के मतदान प्रतिशत को बढ़ाने पर केंद्रित किया हुआ है। आयोग दूसरे चरण की मतदान प्रक्रिया में कुछ महानगरों में मतदान प्रतिशत के स्तर से निराश है, जो कि भारत के उच्च तकनीक वाले शहरों में अत्यधिक उदासीनता का सूचक है। अगले फेज से पहले आयोग संबंधित नगरों के प्रशासन के साथ लगातार संपर्क बनाए रखेगा। मौसम विभाग के मुताबिक, 7 मई को होने वाले आम चुनावों के तीसरे चरण के लिए गर्मी कोई बड़ी चिंता नहीं है। (IANS)
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