इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रौदा की ओर से दिए विरासत टैक्स की सलाह पर पूरे देश हंगामा मचा है। लोकसभा चुनाव 2024 के सीजन में पित्रौदा के इस बयान ने भाजपा को कांग्रेस पर हमला करने का बड़ा मौका दे दिया है। अब बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने भी सैम पित्रौदा के बयान को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है। मायावती ने कहा है कि कांग्रेस गरीबी हटाओ की चर्चित विफलता पर से लोगों का ध्यान हटाने के लिए निजी सम्पत्ति पर विरासत टैक्स की पैरवी कर रही है।
क्या बोलीं मायावती?
बसपा प्रमुख मायावती ने सैम पित्रौदा की तरफ इशारा करते हुए कहा है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं द्वारा भारत में धन के वितरण की आड़ में, अमेरिका की तरह, निजी सम्पत्ति पर 'विरासत टैक्स’ की सोच व उसकी पैरवी गरीबों की भलाई का कम व राजनीति से प्रेरित इनकी ’गरीबी हटाओ’ की चर्चित विफलता पर से लोगों का ध्यान बांटने का चुनावी प्रयास ज्यादा लगता है।
दागदार विरासत से मुक्ति मुश्किल
मायावती ने कहा है कि जहां तक भारत में सम्पत्ति व सरकारी भूमि वितरण आदि से जुड़े मामलों में दलितों व वंचितों के लिए न्याय का सवाल है तो इनकी सरकारों की सही नीयत के अभाव के कारण यहां गरीबी, पिछड़ापन, पलायन की विवशता आदि दूर नहीं हो पायी। कांग्रेस को उसकी ऐसी दागदार विरासत से मुक्ति मुश्किल है।
क्या थी पित्रौदा की सलाह?
कांग्रेस के थिंक टैंक और इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रौदा ने विरासत की संपत्ति में टैक्स लगाने की वकालत की है। उन्होंने कहा कि अमेरिका में इस तरह के कानून हैं। सैम ने कहा कि अमेरिका में कोई भी शख्स 45 प्रतिशत संपत्ति अपने बच्चों को हस्तांतरित कर सकता है। 55 प्रतिशत हिस्सा सरकार ले लेती है। पित्रौदा ने कहा कि आपने अपनी पीढ़ी के लिए संपत्ति बनाई है। आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए, पूरी नहीं, आधी, जो मुझे उचित लगती है। उन्होंने कहा कि भारत में इस तरह का कानून नहीं है लेकिन ऐसा नियम यहां भी बनना चाहिए।
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