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Hindi News भारत राजनीति पहला लोकसभा चुनाव हारते रहे हैं भोजपुरी सितारे, क्या पवन सिंह तोड़ पाएंगे ट्रेंड? पढ़ें पूरा समीकरण

पहला लोकसभा चुनाव हारते रहे हैं भोजपुरी सितारे, क्या पवन सिंह तोड़ पाएंगे ट्रेंड? पढ़ें पूरा समीकरण

भोजपुरी सिनेमा के तीन बड़े स्टार मनोज तिवारी, रवि किशन और दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ अभी सांसद हैं। लेकिन ये सभी नेता अपना पहला चुनाव हार चुके हैं। खास बात ये भी है कि ये तीनों ही भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते हैं।

क्या पवन सिंह का पावर चलेगा। - India TV Hindi Image Source : INSTA/BHOJPURIYASAMAJ क्या पवन सिंह का पावर चलेगा।

लोकसभा चुनाव 2024 अपने आखिरी पड़ाव पर पहुंच गया है। 1 जून 2024 को चुनाव के सातवें चरण के लिए वोटिंग होगी। इस चरण में बिहार की 8 सीटों पर भी वोटिंग होने जा रही है। इन 8 सीटों में सबसे ज्यादा चर्चित सीट काराकाट लोकसभा क्षेत्र बनी हुई है। इस सीट पर भाजपा से बागी हुए भोजपुरी स्टार पवन सिंह निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। काराकाट सीट से एनडीए गठबंधन के उपेंद्र कुशवाहा और INDI अलायंस के राजाराम कुशवाहा चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन पवन सिंह ने मैदान में उतर कर इस मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है। 

क्या है काराकाट सीट का समीकरण?

काराकाट लोकसभा सीट पर कुशवाहा, यादव और राजपूत मतदाता अच्छी खासी संख्या में हैं। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में उपेंद्र कुशवाहा ने काराकाट सीट जीती थी। उन्हें 3,38,892 वोट मिले थे। वहीं, उपेंद्र कुशवाहा 2019 का चुनाव हार गए थे लेकिन तब भी उन्हें 3,13,866 वोट मिले थे। ऐसे में एक चीज जो दिखाई देती है वो ये है कि उपेंद्र कुशवाहा के अपने कुछ फिक्स वोटर्स हैं। दूसरी ओर INDI अलायंस के उम्मीदवार राजाराम कुशवाहा भी उपेंद्र के समाज से ही आते हैं। ऐसे में दोनों के बीच वोट बंट भी सकते हैं। पहले माना जा रहा था कि उपेंद्र कुशवाहा इस सीट पर आसानी से जीत हासिल कर लेंगे लेकिन पवन सिंह ने इस चुनाव को रोचक बना दिया है।

लोकसभा चुनाव में क्या रहा है भोजपुरी सितारों का हाल?

लोकसभा चुनाव की बात करें तो भोजपुरी सिनेमा के तीन बड़े स्टार मनोज तिवारी, रवि किशन और दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ अभी भाजपा से सांसद हैं। हालांकि, इन सभी को अपने पहले चुनाव में हार झेलनी पड़ी थी। मनोज तिवारी ने 2009 में सपा के टिकट पर गोरखपुर से योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। इसके बाद वह 2014 और 2019 में भाजपा के टिकट पर उत्तर पूर्वी दिल्ली से सांसद बने। रवि किशन ने 2014 में कांग्रेस के टिकट पर जौनपुर से चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। वह 2019 में भाजपा के टिकट पर गोरखपुर से जीते। वहीं, निरहुआ ने भाजपा के टिकट पर साल 2019 में आजमगढ़ से चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। इसके बाद वह 2022 के उपचुनाव में जीतकर सांसद बने।

कितनी मुश्किल है पवन सिंह की राह?

पॉपुलरिटी और भीड़ जुटाने के मामले में पवन सिंह का कोई जवाब नहीं है। वह काराकाट में बीते कई दिनों से लगातार धुआंधार प्रचार कर रहे हैं। देखने वाली बात ये भी है कि काराकाट में कुशवाहा वोट के अलावा यादव, राजपूत, ब्राह्मण, वैश्य और भूमिहार वोट भी बड़ी संख्या में हैं। एक और भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव व कई अन्य सितारे भी पवन सिंह के समर्थन में रैलियां कर रहे हैं। ऐसे में अगर पवन सिंह राजद के यादव वोटर्स और एनडीए के कोर वोटर्स में सेंध लगा कर उन्हें अपनी ओर कर लेते हैं वह इस सीट पर करिश्मा कर के दिखा सकते हैं। भोजपुरी सितारों का पहले लोकसभा चुनाव में हार का ये ट्रेंड पवन सिंह तोड़ पाते हैं या नहीं ये तो 4 जून को पता चलेगा। लेकिन ये बात साफ हो गई है कि काराकाट इस वक्त बिहार की सबसे रोचक सीट बन गई है।

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