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Hindi News भारत राजनीति Lok Sabha Election 2024: पढ़ाई पूरी करते ही विधायक बनने वाले धनानी 22 साल बाद इतिहास दोहराने को तैयार, रुपाला के लिए आसान नहीं राजकोट का रण

Lok Sabha Election 2024: पढ़ाई पूरी करते ही विधायक बनने वाले धनानी 22 साल बाद इतिहास दोहराने को तैयार, रुपाला के लिए आसान नहीं राजकोट का रण

Lok Sabha Elections 2024: धनानी ने बेहद कम उम्र में विधानसभा चुनाव में रुपाला को हराकर सभी के हैरान कर दिया था। अब 22 साल बाद फिर उनकी कोशिश रुपाला को हराकर सांसद बनने की होगी।

Lok SaParshottam Rupala (BJP) vs Paresh Dhanani (Congress)bha Election- India TV Hindi Image Source : LOK SABHA ELECTION परसोत्तम रुपाला बनाम परेश धनानी

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में गुजरात की राजकोट सीट पर सभी की नजरें होंगी। गुजरात में बीजेपी बेहद मजबूत स्थिति में है और सभी सीटें जीतने का सपना देख रही है, लेकिन यह आसान नहीं होने वाला। इस सीट पर बीजेपी ने केंद्रीय कैबिनेट मंत्री रुपाला को टिकट दिया है। वहीं, कांग्रेस ने परेश धनानी को टिकट दिया है, जो पहले भी रुपाला को हरा चुके हैं। क्षत्रियों को लेकर रुपाला का बयान पहले चर्चा में रहा है। धनानी को टिकट मिलने से इस सीट पर बीजेपी नेता की परेशानी बढ़ गई है।

धनानी इससे पहले गुजरात में नेता प्रतिपक्ष रहृ चुके हैं। वह पहले भी रुपाला को हरा चुके हैं। वहीं, द्रौपदी के चीरहरण को लेकर रुपाला के बयान पर बवाल हो रहा है और कद्दावर नेता होने के बावजूद वह मुश्किल में हैं।

कौन हैं रुपाला?

पाटीदार नेता रुपाला मौजूद सरकार में कृषि मंत्री हैं। महाराजाओं और मुगलों के बीच संबंध को लेकर उनका बयान चर्चा में है। 15 अप्रैल को क्षत्रिय समाज के 1.5 लाख लोगों ने रैली भी निकाली थी। उनके नाम वापसी की खबरें भी आईं, लेकिन पार्टी ने उन पर भरोसा बनाए रखा है। रुपाला 1991 से 2002 के बीच अमरेली से कई बार विधायक बन चुके हैं। वह मौजूदा सरकार में मंत्री हैं। हालांकि, कांग्रेस को उनके खिलाफ जीत की उम्मीद है।

कौन हैं  परेश धनानी?

परेश धनानी ने बी. कॉम. की डिग्री पूरी करने के दो साल बाद ही विधानसभा चुनाव में रुपाला को हराकर सनसनी मचा दी थी। इसके बाद से गुजरात कांग्रेस में उनका पद लगातार बढ़ा है। अगर मौजूदा समय में गुजरात में कांग्रेस पार्टी सत्ता में आती है तो वह मुख्यमंत्री बनने के सबे प्रबल दावेदार होंगे। उन्होंने 2002 में विधानसभा चुनाव में रुपाला को हराया था और अब वह 22 साल बाद इतिहास दोहराने के लिए तैयार हैं। 

क्या हैं समीकरण?

राजकोट में पटेल वोट निर्णायक भूभिका में हैं। कड़वा पटेलों के अलावा यहां ब्राम्हण, क्षत्रिय, कोली और बनिया वोटर भी अच्छी संख्या में हैं। बीजेपी ने यहां दो बार के सांसद मोहन कुंडरिया की जगह रुपाला को टिकट दिया है। इससे सीट के समीकरण और रोचक हो गए हैं।

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