लोकसभा चुनाव 2024 में चौथे चरण के मतदान से पहले चुनाव आयोग ने अपने ऊपर लग रहे आरोपों पर जवाब दिया। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हुए मतदान के आंकड़े जारी करने में देरी को लेकर सवाल खड़ा किया था। इसके जवाब में चुनाव आयोग ने कहा कि खरगे के आरोप पूरी तरह से निराधार हैं। निर्वाचन आयोग ने कुप्रबंधन, मतदान प्रतिशत का आंकड़ा जारी करने में देरी संबंधी खरगे के आरोपों को खारिज किया और आरोपों को निराधार और बिना तथ्य वाला बताया।
मतदान प्रतिशत आंकड़े को लेकर अपने सहयोगी दलों को लिखे गये खरगे के पत्र पर निर्वाचन आयोग ने कहा कि कांग्रेस के अतीत, वर्तमान के गैर-जिम्मेदाराना बयान परेशान करने वाले हैं। निर्वाचन आयोग के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का मतदान प्रतिशत आंकड़े पर विपक्षी नेताओं को लिखा गया पत्र पूर्वाग्रहपूर्ण विमर्श को आगे बढ़ाने का प्रयास है।
खरगे ने क्या लिखा था?
मल्लिकार्जुन खरगे ने विपक्षी दलों के गठबंधन में शामिल सभी नेताओं को पत्र लिखकर कहा था कि मतदान खत्म होने के बाद आंकड़े जारी करने में चुनाव आयोग इतना ज्यादा समय क्यों लगाता है। उन्होंने सभी नेताओं से कहा कि ऐसी विसंगतियों के खिलाफ आवाज उठाएं। उन्होंने लिखा कि विपक्षी नेताओं का एकमात्र लक्ष्य जीवंत लोकतंत्र की संस्कृति और संविधान की रक्षा करना है। उन्होंने लिखा कि हमें भारत के निर्वाचन आयोग की स्वतंत्रता सुनिश्चित करनी चाहिए और जवाबदेह बनाना चाहिए।
खरगे ने लिखा था कि लोकतंत्र की रक्षा करने के लिए निर्वाचन आयोग की स्वतंत्र कार्यप्रणाली सुनिश्चित करना जरूरी है। इसके साथ ही उन्होंने यह सवाल पूछा था कि क्या नतीजों में देरी मतदान के अंतिम नतीजों को प्रभावित करने का प्रयास तो नहीं है। उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि पहले दो चरणों के मतदान के बाद रुझान सामने आने के बाद बीजेपी नेता और पीएम मोदी घबराए हुए हैं और सत्ता हासिल करने के लिए वह किसी भी हद तक जा सकते हैं।
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