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Hindi News भारत राजनीति बृजभूषण सिंह अकेले नहीं,पहले भी विवादों में रहे सांसदों का टिकट काट चुकी है बीजेपी, काफी लंबी है लिस्ट

बृजभूषण सिंह अकेले नहीं,पहले भी विवादों में रहे सांसदों का टिकट काट चुकी है बीजेपी, काफी लंबी है लिस्ट

भारतीय जनता पार्टी इस बार अपने 100 से ज्यादा सांसदों का टिकट काट चुकी है। इस लिस्ट में कई ऐसे नाम भी शामिल हैं, जो दशकों से सांसद बनते आ रहे थे। टिकट कटने की सबसे बड़ी वजह इन नेताओं का विवादों में रहना रहा है।

BJP MP- India TV Hindi Image Source : PTI टिकट गंवाने वाले बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह, वरुण गांधी, साध्वी प्रज्ञा

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भारतीय जनता पार्टी ने कैसरगंज सीट से उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है। लंबे इंतजार के बाद करण भूषण सिंह को यहां से टिकट दिया गया है। निवर्तमान सांसद बृजभूषण शरण सिंह का टिकट रट गया है। हालांकि, उम्मीदवार उनके बेटे ही हैं। इससे साफ है कि पूरा चुनाव बृजभूषण के इशारे पर ही लड़ा जाएगा। कुश्ती संघ विवाद के कारण बृजभूषण शरण सिंह को पहले अध्यक्ष पद पर करण को बैठाना पड़ा और सांसद की सीट भी उन्हीं के हवाले कर दी है। कैसरगंज में बृजभूषण का दबदबा है और उनकी जीत को लेकर कोई संदेह नहीं था, लेकिन भारतीय जनता पार्टी विवादित चेहरों से दूरी बना रही है। इसी वजह से बृजभूषण से पहले भी कई नेताओं के टिकट काटे गए हैं।

बीजेपी ने इन सांसदों के काटे टिकट

  • बृजभूषण सिंह
  • साध्वी प्रज्ञा
  • रमेश बिधूड़ी
  • अनंत कुमार हेगड़े
  • प्रवेश वर्मा
  • वरुण गांधी
  • प्रताप सिम्हा

साध्वी प्रज्ञा का टिकट कटा

इस सूची में भोपाल की निवर्तमान सांसद साध्वी प्रज्ञा भी शामिल हैं। लगातार विवादित बयान देनी वाली प्रज्ञा ने दिग्विजय सिंह को रिकॉर्ड वोट से हराकर सुर्खियां बटोरी थी, लेकिन महात्मा गांधी को लेकर उनके बयान पर पीएम मोदी ने कहा था कि वह कभी साध्वी प्रज्ञा को माफ नहीं कर पाएंगे और इस चुनाव में उनका टिकट कट गया। संसद में विपक्षी नेता दानिश अली को अपशब्द कहने वाले रमेश बिधूड़ी और समुदाय विशेष का बहिष्कार करने की बात कहने वाले प्रवेश वर्मा को भी दूसरा मौका नहीं दिया गया। 

वरुण गांधी भी लिस्ट में

अनंत कुमार हेगड़े ने संविधान बदलने की बात कहकर अपने ही पैर में कुल्हाड़ी मारी थी और पार्टी ने उनका टिकट काटने में भी देरी नहीं की। छह बार के सांसद रहे बृजभूषण के अलावा पीलीभीत में दो बार के सांसद वरुण गांधी की जीत भी तय थी। इस सीट पर 1989 से गांधी परिवार का दबदबा था, लेकिन पार्टी के खिलाफ वरुण गांधी के बयानों के चलते उन्हें भी टिकट नहीं मिला। नई संसद का उद्घाटन करके मोदी सरकार चर्चा में थी, लेकिन कुछ लोगों ने संसद के अंदर पहुंचकर रंग फेंक दिया और इस पर काफी बवाल हुआ, जिस सांसद की मदद से ये लोग संसद भवन के अंदर पहुंचे थे। उनका टिकट काटने में भी पार्टी ने कोई देरी नहीं की।

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