Lok Sabha Election 2024: गौतमबुद्ध नगर में किसकी होगी नैया पार? जानें इस लोकसभा सीट का पूरा इतिहास
गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट 2008 में अस्तित्व में आई थी। इसके अंतर्गत नोएडा, दादरी, जेवर, सिकंदराबाद, खुर्जा विधानसभा आती हैं।गौतम बुद्ध नगर सीट पर इस वक्त भाजपा का कब्जा है, साल 2014 में यहां पर बीजेपी के डॉ. महेश शर्मा ने सपा के नरेंद्र भाटी को हराकर ऐतिहासिक जीत हासिल की थी।
लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कभी भी हो सकता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चुनाव आयोग 13 मार्च के बाद किसी भी दिन लोकसभा चुनाव की तारीखों को ऐलान कर सकता है। 2024 के लोकसभा चुनाव 7-8 चरणों में हो सकते हैं। सभी सियासी पार्टियां चुनावी अभियान में जोर-शोर से जुटी हैं। इस बार के चुनावों में भी उत्तर प्रदेश की सीटों की अहम भूमिका होगी। ऐसे में हम यहां उत्तर प्रदेश की हाई प्रोफाइल गौतम बुद्ध नगर सीट की जानकारी दे रहे हैं। गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट 2008 में अस्तित्व में आई थी। इसके अंतर्गत नोएडा, दादरी, जेवर, सिकंदराबाद, खुर्जा विधानसभा आती हैं।
नए परिसीमन के बाद साल 2009 में पहली बार हुए लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर यहां से सुरेन्द्र सिंह नागर ने जीत दर्ज की थी। नागर अब भाजपा में हैं और राज्यसभा के सदस्य हैं। गौतम बुद्ध नगर सीट पर इस वक्त भाजपा का कब्जा है, साल 2014 में यहां पर बीजेपी के डॉ. महेश शर्मा ने सपा के नरेंद्र भाटी को हराकर ऐतिहासिक जीत हासिल की थी। वहीं, गौतम बुद्ध नगर जिला 6 सितम्बर 1997 को अस्तित्व में आया। यह जिला गाजियाबाद और बुलंदशहर को अलग करके बना था। मान्यता है कि यहां स्थित बिसरख रावण के पिता विश्रवा ऋषि का जन्मस्थान था। वहीं दनकौर कौरव और पांडवों के गुरु द्रोणाचार्य का आश्रम था।
कांग्रेस से गठबंधन के बाद सपा के हिस्से आई यह सीट
भाजपा ने अभी तक औपचारिक रूप से इस सीट पर अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। कांग्रेस से गठबंधन के बाद गौतम बुद्ध नगर लोकसभा की सीट समाजवादी पार्टी के हिस्से में आई है। सपा ने वैसे तो राज्य की कुछ सीट पर अपने उम्मीदवार घोषित किए हैं लेकिन अब तक उसने भी गौतम बुद्ध नगर से किसी के नाम का ऐलान नहीं किया है।
कितने मतदाता हैं?
मतदाताओं की कुल संख्या 23 लाख से अधिक है। इनमें गुर्जर, ठाकुर, दलित, मुस्लिम और ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या अधिक है। यहां की 84 प्रतिशत आबादी हिंदू और 13 प्रतिशत जनसंख्या मुस्लिम है।
साल 2019 के चुनाव के नतीजे क्या थे?
2019 के लोकसभा चुनाव में महेश शर्मा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 3,36,922 मतों के अंतर से हराया था जबकि 2014 के लोकसभा में उनकी जीत का अंतर 2,80,212 था। पहली बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की भाजपा सरकार बनने पर शर्मा को केंद्रीय पर्यटन और संस्कृत राज्यमंत्री बनाया गया था। हालांकि 2019 में उन्हें केंद्रीय मंत्रिपरिषद में स्थान नहीं मिला।
साल 2014 के चुनाव के नतीजे क्या थे?
2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की VIP सीट गौतम बुद्ध नगर से भाजपा के वरिष्ठ नेता और डॉ. महेश शर्मा जीते थे। साल 2014 के चुनाव में उन्होंने इस सीट पर सपा के नरेंद्र भाटी को हराकर ऐतिहासिक जीत हासिल की थी। तब बसपा के सतीश अवाना तीसरे स्थान पर रहे। कांग्रेस के प्रत्याशी प्रोफेसर रमेश चंद तोमर मतदान से कुछ दिन पहले चुनाव मैदान से हट गए थे। साल 2014 के चुनाव में 1986109 वोटरों ने हिस्सा लिया था, जिसमें 44 प्रतिशत महिलाएं शामिल थीं, पिछले चुनाव में इस सीट पर सपा दूसरे, बसपा तीसरे, आप चौथे और कांग्रेस 5वें नंबर पर रही थी। डॉ. महेश शर्मा और नरेंद्र भाटी के बीच जीत का अंतर 23 प्रतिशत वोटों का था।
साल 2009 के चुनाव के नतीजे क्या थे?
2009 में हुए लोकसभा चुनाव में इस क्षेत्र में हुए कड़े मुकाबले में बसपा से सुरेंद्र नागर जीते थे। तब डॉ. महेश शर्मा ने पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा था। वह लगभग 15 हजार वोट से चुनाव हारे थे। इसके बाद 2012 में हुए यूपी विधानसभा चुनाव में नोएडा विधानसभा से पहली बार डॉ. महेश शर्मा बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीते। 2012 में दादरी से सतवीर गुर्जर और जेवर से वेदराम भाटी बसपा के टिकट पर जीते।
जातीय समीकरण क्या है?
गौतम बुद्ध नगर के करीब 23 लाख वोटरों में करीब-करीब 16 लाख वोटर गांव में रहते हैं। जातिगत समीकरण के मुताबिक इनमें ठाकुर वोटर 4 से 4.5 लाख के करीब हैं। ब्राह्मण वोटरों की तादाद करीब 4 लाख है। मुस्लिम 3.5 लाख, गुर्जर 3.5 से 4 लाख, दलित 3.5 लाख और अन्य वोटर 3 लाख हैं।
साल 2019 में कब हुए थे चुनाव?
चुनाव आयोग ने 10 मार्च, 2019 को लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा की थी। चुनाव आयोग द्वारा 7 चरणों में 2019 के चुनाव कराए जाने की घोषणा की गई थी। ये चुनाव 11 अप्रैल से 19 मई तक चले थे। वोटों की गिनती 23 मई को हुई थी।