ऐसा क्या हुआ कि AAP सांसद संजय सिंह पूरे सत्र के लिए राज्यसभा से हो गए सस्पेंड, जानें विपक्ष ने क्या कहा
सस्पेंशन के बाद संजय सिंह संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के निकट धरने पर बैठ गए। कुछ अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने भी उनके समर्थन में नारेबाजी की। उन्होंने ‘निलंबन वापस लो’ के नारे लगाए।
नई दिल्ली: आज लगातार तीसरे दिन मणिपुर के मुद्दे पर संसद में काम नहीं हुआ। संसद के दोनों सदनों में हंगामा हुआ और नारेबाजी हुई। राज्यसभा में तो इतना हंगामा हुआ कि आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह का संसद के बचे हुए सत्र से सस्पेंड कर दिया गया। विपक्ष मणिपुर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान चाहता है। विपक्षी नेताओं का आरोप है कि पीएम मोदी की मंशा ठीक नहीं है, वो हर बड़े मुद्दे पर चुप्पी साध जाते हैं लेकिन इस बार मणिपुर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री को बयान देना ही होगा। वहीं, सरकार का कहना है कि वो तो हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है लेकिन विपक्ष ही बातचीत नहीं होने देना चाहता।
जगदीप धनखड़ ने क्यों लिया इतना बड़ा फैसला?
दरअसल, जब सदन की कार्यवाही के दौरान प्रश्नकाल चल रहा था इसी दौरान संजय सिंह आसन की तरफ हाथ उठाकर कुछ जोर-जोर से बोल रहे थे। नाराज हुए सभापति जगदीप धनखड़ ने कई बार अंग्रेजी में संजय सिंह का नाम लिया। जब संजय सिंह बार-बार समझाने के बाद भी अपनी सीट पर नहीं बैठे तो धनखड़ ने उनका नाम लेना शुरू किया। इसके बाद धनखड़ ने कहा कि आप बार-बार सदन में व्यवधान पैदा करते हैं। संजय सिंह की हरकत से धनखड़ काफी नाराज दिख रहे थे। इसके बाद सदन में नेता पीयूष गोयल ने संजय सिंह के खिलाफ निलंबन का प्रस्ताव लिया। जगदीप धनखड़ ने इसके बाद सत्ता पक्ष से कहा कि वो प्रस्ताव लाएं, उसके बाद वह कार्रवाई करेंगे। जैसे ही सत्ता पक्ष ने निलंबन का प्रस्ताव लाया, उसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। इसके बाद धनखड़ ने आप सांसद संजय सिंह को पूरे मॉनूसन सत्र के लिए निलंबित करने का आदेश सुना दिया। संजय सिंह के निलंबन के खिलाफ आप सांसदों ने विरोध करना शुरू कर दिया।
सस्पेंड होने के बाद संजय सिंह ने PM मोदी पर लगाया ये आरोप
राज्यसभा से सस्पेंड किए जाने के बाद संजय सिंह ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मणिपुर हिंसा के मामले पर संसद के भीतर ‘‘बयान देने से भाग रहे’’ हैं। सस्पेंशन के बाद सिंह संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के निकट धरने पर बैठ गए। कुछ अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने भी उनके समर्थन में नारेबाजी की। उन्होंने ‘निलंबन वापस लो’ के नारे लगाए। संजय सिंह ने कहा, ‘‘देश के प्रधानमंत्री संसद में आकर मणिपुर पर जवाब क्यों नहीं दे रहे हैं? सेना के जवान की पत्नी के साथ बदसलूकी हुई है। उन्हें जवाब देना चाहिए।’’
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उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री सदन में ‘‘बोलने से भाग रहे’’ हैं। सिंह ने कहा, ‘‘आज मैंने नियम 267 के तहत नोटिस दिया था। पहले मैं कुछ देर तक आग्रह करता रहा कि चर्चा कराई जाए। इसके बाद मैंने आसन के निकट जाकर चर्चा करने का आग्रह किया। इस पर मुझे निलंबित कर दिया गया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यहां हमारा धरना जारी रहेगा। सभी पार्टियों ने इस आंदोलन में अपना समर्थन दिया है।’’ संजय सिंह को सोमवार को उच्च सदन में हंगामा और आसन के निर्देशों का उल्लंघन करने के लिए वर्तमान मानसून सत्र की शेष अवधि तक के लिए सस्पेंड कर दिया गया। सभापति जगदीप धनखड़ ने प्रश्नकाल में सिंह को सस्पेंड करने की घोषणा की। इससे पहले आसन के समीप आए सिंह के नाम का सभापति ने उल्लेख किया।
राजस्थान कांग्रेस प्रभारी ने मां की सीख पर उठाया सवाल
मणिपुर के नाम पर संसद से लेकर सड़क तक हंगामा मचा हुआ है। लेकिन मणिपुर के बहाने प्रधानमंत्री को टारगेट किया जा रहा है। उन पर निजी हमले किए जा रहे हैं। राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने प्रधानमंत्री पर विवादित बयानबाजी की। उन्होंने मां की सीख पर सवाल उठाया। रंधावा ने विवादित बयानबाजी करते हुए कहा, अगर मां से अच्छी शिक्षा मिले तो बच्चा बड़ा होकर अच्छा काम करता है। मां से अच्छी शिक्षा नहीं मिलने पर बच्चा 'प्राइम मिनिस्टर' जैसा बनता है। 'प्राइम मिनिस्टर' जैसा यानी नरेंद्र मोदी जैसा। वहीं, इस पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने रंधावा को जवाब दिया। स्मृति ईरानी ने कहा, कांग्रेस से पीएम पर गालियों की सीरीज में अब एक और वाक्य जुड़ा है। उम्मीद है गांधी खानदान ऐसे नेताओं को पुरस्कृत करेगा।
'संविधान के खिलाफ है संजय सिंह का निलंबन'
शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने संजय सिंह के खिलाफ की गई कार्रवाई पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। संजय राउत ने कहा, ''संजय सिंह जी का निलंबन संविधान के खिलाफ है। उनका अपराध केवल इतना था कि उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी से मणिपुर घटना पर चुप्पी तोड़ने की लिए बोला था। बीजेपी तो बोलती है कि पीएम मोदी जी तो विदेश में देश के सर्वमान्य नेता हैं तो फिर उनको संसद में आकर बयान देने में डर क्यों लग रहा है।''