नागपुर: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने नागपुर में कहा कि बिहार में 70 प्रतिशत भूमि विवाद के पीछे लालू प्रसाद और उनकी पार्टी के लोगों का हाथ है। उन्होंने नवादा की घटना का उल्लेख करते हुए यह बात कही। मांझी ने कहा कि नवादा की घटना पर विपक्ष को इस पर कुछ कहने का हक नहीं है। मांझी ने कहा कि 22 सितंबर को वह खुद घटनास्थल का दौरान करेंगे।
विपक्ष को 2005 से पहले की घटना का ध्यान रखना चाहिए
जीतन राम मांझी ने कहा कि विपक्ष को 2005 के पहले की घटना को ध्यान में रखना चाहिए। 2005 से पहले जब कोई क्राइम होता था तो विक्टिम और क्रिमिनल को एक अणे मार्ग में बुलाकर निगोशिएशन कराया जाता था और छुड़वाया जाता था, वह बात अब नहीं है।
नवादा की घटना के पीछे भूमाफिया
उन्होंने कहा कि नवादा में भूमि विवाद है ,'कोर्ट में मामला चल रहा है। वहां की चमार और मुसहर रह रहे हैं.. 12 से 14 एकड़ जमीन है। उस जमीन पर भूमाफिया नजरें गड़ाए हुए हैं। ये विपक्षी दल के लोग हैं। इन लोगों ने सोचा कि ये गरीब हरिजन हैं और उनको भगा देंगे तो इस जमीन पर हमारा हक हो जाएगा। इसलिए इन लोगों को डराकर भगाने के लिए इस घटना को अंजाम दिया गया। अब तक इस मामले में 15 लोगों को पकड़ा गया है। पीड़ितों को मुआवजा दिलाया जाएगा। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उन्हें घर भी दिलाया जाएगा। मांझी ने कहा कि नवादा में 40 /50 घरों को जलाया गया है। एक व्यक्ति की मृत्यु भी हुई है। राहत का काम हो रहा है।'
तेजस्वी खुद पढ़े नहीं
यह पूछे जाने पर की तेजस्वी यादव ने कहा है कि मांझी आरएसएस द्वारा पढ़ाई हुई बातें बोलते हैं, इसका उत्तर देते हुए मांझी ने कहा कि तेजस्वी खुद पढ़े नहीं हैं इसलिए पढ़ाई का मर्म वह नहीं जानते, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राष्ट्रवादी पार्टी है, उसके पल्ले में हम नहीं है ,लेकिन हम उसका विरोध भी नहीं कर सकते।
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