Bihar News: बिहार के सीएम नीतीश कुमार को अब ‘अपने‘ याद आने लगे हैं। बिहार की सत्ता में दोबार नए समीकरण और नए गठबंधन के साथ वापसी करने वाले नीतीश कुमार अब बिहार से एक कदम आगे बढ़कर देश के प्रधानमंत्री बनने का तानाबाना बुनने लगे हैं। वर्ष 2024 के चुनाव में क्या परिणाम होगा ये तो वक्त बताएगा, लेकिन वे अब डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं।
हाल ही में प्रशांत किशोर यानी पीके के बाद अब वे अपने पुराने और पार्टी के वरिष्ठ नेता और संस्थापक रहे शरद यादव से भी मुलाकात करेंगे। सवाल यह है कि अचानक शरद यादव से नीतीश कुमार की मुलाकात कैसे तय हो सकती है। दरअसल इसके पीछे पूरा खेल लालू प्रसाद यादव का है। इस समय आरजेडी के साथ नीतीश कुमार ने मिलकर सरकार बनाई है। लिहाजा लालू चाहते हैं कि पुराने सभी लोगों को साथ जोड़कर ही महागठबंधन को दुरुस्त किया जा सकता है। यही कारण है कि लालू प्रसाद यादव के न्यौते पर शरद यादव बिहार की राजधानी पटना आ रहे हैं।
विपक्षी एकता को मजबूत करने का बिगुल फूंका
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीजेपी के खिलाफ विपक्षी एकता को मजबूत करने का बिगुल फूंक चुके हैं। इसके लिए वो अपने तरकश के तीरोंं को समेटने की कोशिश में नजर आ रहे हैं। अभी कुछ दिन पहले उन्होंने अपने पुराने तीर प्रशांत किशोर का संधान किया। जिसके बाद प्रशांत और नीतीश कुमार की मुलाकात हुई। अब उनकी मुलाकात शरद यादव से होने वाली है। कभी नीतीश कुमार के बेहद करीबी रहे शरद यादव उनकी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक कहे जाते हैं।
20 सितंबर को शरद यादव पटना आएंगे
20 सितंबर को शरद यादव पटना आ रहे हैं। बताया जा रहा है शरद यादव को पटना बुलाने और भाजपा विरोधियों को संगठित करने की मुहिम में लालू यादव भी अहम भूमिका निभा रहे हैं। माना जा रहा है कि शरद यादव को नीतीश कुमार के कहने पर लालू यादव ने फोन करके पटना बुलाया है। शरद यादव पटना पहुंचते ही लालू यादव से मिलने जाएंगे। फिर आरजेडी ऑफिस पहुंचकर बैठक में शिरकत करेंगे। उनकी मुलाकात नीतीश कुमार से भी होनी तय मानी जा रही है। बता दें कि शरद यादव आगामी 20 को लगभग 3 साल बाद पटना पहुंचेंगे। इस दिन शरद यादव आरजेडी कोर कमेटी की बैठक में भी शामिल होंगे।
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