केंद्रीय मंत्री वी. मुरलीधरन का विरोध देश के शंघीय ढांचे के सिद्धांत के खिलाफ- विजयन
माकपा ने यहां जारी बयान में कहा, 'हाल में तिरुवनंतपुरम में केंद्रीय मंत्री ने उस परियोजना के खिलाफ अभियान चलाया था, जिसे सैद्धांतिक मंजूरी केंद्र ने दी है।'
तिरुवनंतपुरम: केरल में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने केंद्रीय मंत्री वी. मुरलीधरन को रविवार को आड़े हाथों लिया, जो राज्य में उसकी महत्वकांक्षी 'सिल्वर लाइन परियोजना' के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। माकपा ने कहा कि उनका विरोध देश के संघीय ढांचे के सिद्धांत के खिलाफ है। माकपा ने कहा कि 'के-रेल परियोजना' के लिए भूमि सर्वेक्षण का कार्य केंद्र सरकार से सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के बाद शुरू किया गया और यहां तक कि उच्चतम न्यायालय ने भी प्रस्तावित परियोजना का सामाजिक प्रभाव आकलन करने के साथ इस पर आगे बढ़ने की अनुमति दी। इसके बाद भी इस परियोजना को राज्य में भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
माकपा ने यहां जारी बयान में कहा, 'हाल में तिरुवनंतपुरम में केंद्रीय मंत्री ने उस परियोजना के खिलाफ अभियान चलाया था, जिसे सैद्धांतिक मंजूरी केंद्र ने दी है। यह विरोधाभास है कि केंद्रीय मंत्री उस विकास परियोजना का विरोध कर रहे हैं जिसकी अनुमति उच्चतम न्यायालय ने दी है।' वहीं, मुरलीधरन ने आरोप को खारिज करते हुए कहा कि, 'वामपंथी दल उनके सीधे तौर पर लोगों से मिलने को लेकर चिंतित क्यों है?'
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मुरलीधरन के परियोजना-विरोधी अभियान पर निशाना साधा और कहा कि केंद्रीय मंत्री अब के-रेल परियोजना के प्रति जनता के सकारात्मक व्यवहार को समझ गए हैं। विजयन ने कन्नूर में उनकी सरकार के दूसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कहा, 'आप हमारी परिस्थिति की कल्पना कीजिए, हमारे पास ऐसे केंद्रीय मंत्री हैं। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि कोई केंद्रीय मंत्री राज्य की विकास परियोजना के खिलाफ अभियान चला रहे हैं?' बता दें, मुरलीधरन ने शनिवार को केरल सरकार की महत्वकांक्षी परियोजना का विरोध किया था, जिसके बाद केरल के मुख्यमंत्री का यह बयान आया है।
गौरतलब है कि केरल की विपक्षी पार्टियां सिल्वर लाइन परियोजना के लिए विभिन्न स्थानों पर सर्वेक्षण पत्थर लगाने का विरोध कर रही हैं। हालांकि, राज्य की वाम सरकार ने इसके बावजूद परियोजना पर आगे बढ़ने का फैसला किया है। सिल्वरलाइन परियोजना के तहत राज्य की राजधानी तिरुवनंतपुरम को कासरगोड से रेल गलियारे से जोड़ने का प्रस्ताव है। निर्माण पूरा होने पर इन दोनों स्थानों के बीच की दूरी तय करने में मौजूदा समय के मुकाबले चार घंटे कम समय लगेगा। यह 530 किलोमीटर लंबा रेल गलियारा होगा जिसके निर्माण पर 64 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इस परियोजना का विकास केरल सरकार और रेलवे का संयुक्त उपक्रम के-रेल कर रहा है। इनपुट-भाषा