नई दिल्ली: कर्नाटक में सरकार गठन के बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार फिर से दिल्ली पहुंच गए हैं। जानकारी के अनुसार दोनों राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार और मौजूदा मंत्रियों को विभागों के आवंटन को लेकर कांग्रेस आलाकमान से मुलाकात करेंगे। कर्नाटक में सिद्धरमैया और शिवकुमार ने 20 मई को आठ मंत्रियों के साथ क्रमश: मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। हालांकि इन मंत्रियों को अभी विभागों का आवंटन नहीं किया गया है।
सीएम पद के बाद मंत्री पद बने हैं सिरदर्द
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, पार्टी आलाकमान ने पिछले हफ्ते शपथ ग्रहण समारोह से पहले दिल्ली में हुई बैठक में आठ मंत्रियों की पहली सूची को मंजूरी दी थी। हालांकि पहले मंत्रिमंडल में अभी कई और विधायकों को शामिल किए जाने की योजना है। सूत्रों ने बताया कि चर्चा के दौरान कुछ नामों को लेकर सिद्धरमैया और शिवकुमार के बीच कथित रूप से मतभेद है। सिद्धरमैया के लिए नए मंत्रियों को विभागों का आवंटन और एक ऐसे मंत्रिमंडल का गठन, जिसमें सभी समुदायों, क्षेत्रों, गुटों और नयी व पुरानी पीढ़ी के विधायकों को प्रतिनिधित्व हासिल हो, काफी चुनौतीपूर्ण कार्य है।
मंत्रीमंडल में शामिल हो सकते हैं 34 लोग
कर्नाटक मंत्रिमंडल में मंत्रियों की स्वीकृत संख्या 34 है। इसे देखते हुए कई नेता मंत्री बनने की होड़ में शामिल हैं। बता दें कि इससे पहले सीएम पद के लिए भी कई दिनों तक रस्साकस्सी काहली थी। कई बैठकों और फोन कॉल्स के बाद सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री नामित किया गया था। इसके साथ ही कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था। सूत्रों के अनुसार आलाकमान ने सिद्धारमैया को ढाई साल के लिए सीएम पद सौंपा है। इसके बाद शिवकुमार को सीएम बनाया जाएगा।
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