वीर सावरकर पर एक बार फिर से विवाद छिड़ चुका है। राजनेताओं द्वारा तरह-तरह के बयान दिए जा रहे हैं। कोई पक्ष में तो कोई उनके खिलाफ बयान दे रहा है। इस बीच अब कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने बयान दिया है कि हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर मांस खाते थे और वह गोवध के खिलाफ नहीं थे। दरअसल बुधवार को एक कार्यक्रम में भाग लेने के दिनेश गुंडू राव पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कहा, "सावरकर एक चितपावन ब्राह्मण थे और वह मांस खाते थे। वह मांसाहारी थे तथा वह गोवध के खिलाफ नहीं थे। एक तरह से वह आधुनिक थे।"
कर्नाटक के मंत्री का बयान
दिनेश गुंडू राव ने दावा किया कि कुछ लोग कहते हैं कि वह बीफ भी खाते हैं। एक ब्राह्मण के रूप में वह मांस खाते थे और मांसाहार का खुलेआम समर्थन करते थे। यह उनकी सोच थी। राव ने आगे कहा कि महात्मा गांधी की हिंदुत्व के प्रति सच्ची आस्था थी और वे शाकाहारी थे। लेकिन उनके कृत्य अलग थे। लेकिन वह एक लोकतांत्रिक व्यक्ति थे। वहीं मोहम्मद अली जिन्ना को लेकर राव ने कहा कि जिन्ना कट्टर मुस्लिम थे। लेकिन वह शराब पीते थे और कहा जाता है कि जिन्ना सुअर का मांस भी खाते थे। लेकिन दो राष्ट्रों का सिद्धांत देने के बाद और राजनीति के बाद वह एक प्रतिष्ठित मुस्लिम नेता बन गए। जिन्ना रूढिवादी नहीं थे। लेकिन उनके विपरीत सावरकर रूढ़िवादी थे।
महात्मा गांधी और सावरकर पर कही ये बात
राव ने अपने बयान में उस संदर्भ को भी स्पष्ट किया जिसके तहत उन्होंने ये टिप्पणियां की थी। उन्होंने कहा कि एक पुस्तक विमोचन से संबंधित कार्यक्रम में उन्होंने महात्मा गांधी की हत्या को लेकर अच्छी चर्चा की थी। उन्होंने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा कि यह मूल रूप से महात्मा गांधी और सावरकर के बीच विरोधाभास पर एक अवलोकना था। महात्मा गांधी कैसे धार्मिक थे और सावरकर नास्तिक, कैसे महात्मा गांधी एक ऐसे व्यक्ति थे जो शाकाहारी थे और हिंदू धर्म में आस्था रखते थे, वहीं सावरकर मांसाहारी थे और आधुनिकतावादी थे।
(इनपुट-भाषा)
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