A
Hindi News भारत राजनीति PM मोदी से हंसते हुए मिले कर्नाटक के CM सिद्धारमैया, कर दी ये बहुत बड़ी मांग

PM मोदी से हंसते हुए मिले कर्नाटक के CM सिद्धारमैया, कर दी ये बहुत बड़ी मांग

कांग्रेस नेता एवं कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और कर्नाटक के किसानों को लेकर अपनी मांगों से चिट्ठी के जरिए अवगत कराया।

Siddaramaiah met Narendra Modi, Siddaramaiah met Modi- India TV Hindi Image Source : TWITTER.COM/PMOINDIA कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।

बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मंगलवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके दफ्तर में मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने राज्य में सूखे की स्थिति से निपटने के लिए 18,177.44 करोड़ रुपये का मुआवजा पैकेज तत्काल जारी करने की मांग की। सिद्धारमैया के साथ कर्नाटक के राजस्व मंत्री कृष्णा बायरेगौड़ा भी बैठक में शामिल हुए। सिद्धारमैया ने मोदी को 3 पेज की चिट्ठी देकर केंद्र सरकार से मदद की मांग की। चिट्ठी में सिद्धारमैया ने अपनी मांगों के बारे में विस्तार से बताया है।

CM सिद्धारमैया की चिट्ठी में क्या लिखा है?

PM के लिए अपनी चिट्ठी में सिद्धारमैया ने लिखा है,'प्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आज मुझसे मिलने के लिए अपना बहुमूल्य समय निकालने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। जैसा कि आप जानते हैं, कर्नाटक का एक बड़ा हिस्सा भयंकर सूखे का सामना कर रहा है। 2020 के सूखा मैनुअल में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार, राज्य के 236 तालुकों में से 223 को सूखा प्रभावित घोषित किया गया है। 223 सूखा प्रभावित जिलों में से 196 गंभीर रूप से सूखा प्रभावित हैं। लगभग 48.19 लाख हेक्टेयर कृषि और बागवानी फसलों को 33 से 100 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है।’

‘80 फीसदी से ज्यादा नुकसान की सूचना’

सिद्धारमैया ने पत्र में आगे लिखा है कि अधिकांश क्षेत्रों में 80 प्रतिशत से अधिक नुकसान की सूचना है। उन्होंने लिखा है, ‘छोटे और सीमांत किसान सबसे अधिक प्रभावित होते हैं, क्योंकि खेती के तहत लगभग 83 प्रतिशत भूमि छोटे और सीमांत कृषि जोत के अंतर्गत आती है। कर्नाटक ने फसलों को हुए नुकसान का आकलन किया है और एनडीआरएफ से 4,663.12 करोड़ रुपये की इनपुट सब्सिडी मांगी है। कर्नाटक में परिचालन जोत का औसत आकार 1970-71 में 3.2 हेक्टेयर से घटकर 2015-16 में 1.35 हेक्टेयर हो गया है। पिछले 8 वर्षों में औसत आकार में और कमी आई होगी। इसलिए 2015-16 के आंकड़ों पर भरोसा करना कर्नाटक के साथ बहुत बड़ा अन्याय होगा।’

‘समाधान की उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहा हूं’

सिद्धारमैया ने पत्र में कर्नाटक में किसानों की स्थिति से लेकर अन्य तमाम मुद्दों पर बात की है। उन्होंने लिका है कि कर्नाटक के किसान गहरे संकट में हैं। सिद्धारमैया ने लिखा है कि चूंकि फसलें बर्बाद हो गई हैं, इसलिए यह जरूरी है कि हम किसानों को इनपुट सब्सिडी का भुगतान जल्द करें ताकि उनकी कठिनाई और पीड़ा कम हो सके। अपने पत्र के अंत में कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने लिखा है कि मैं कर्नाटक के किसानों के हित में सकारात्मक प्रतिक्रिया और उपरोक्त मुद्दों के शीघ्र समाधान की उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहा हूं।

Latest India News