मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छात्रों के दो समूहों के बीच हुई झड़प की घटना की निंदा की और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के माध्यम से धर्मनिरपेक्ष शिक्षण संस्थानों का सांप्रदायिकरण करने का आरोप लगाया।
NCP की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख प्रवक्ता महेश तापसे ने भाजपा पर सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने और देश में ‘‘सत्तावादी और बहुसंख्यकवादी’’ शासन लाने का आरोप लगाया और कहा कि इसीलिए उसके स्वयंसेवक इस तरह से काम कर रहे हैं। गौरतलब है कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के कावेरी छात्रावास में जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) और राष्ट्रीय स्यवंसेवक संघ से संबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के दो समूहों के बीच मेस में रामनवमी पर कथित तौर पर नॉनवेज खाना परोसने को लेकर रविवार को झड़प हो गई थी।
दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर पथराव करने का आरोप लगाया है। वाम संबद्ध संगठनों ने दावा किया कि उनके लगभग 50 सदस्य घायल हुए हैं, जबकि एबीवीपी ने कहा कि उसके 10-12 कार्यकर्ता घायल हुए हैं। तापसे ने आरोप लगाया, ‘‘ एनसीपी, जेएनयू परिसर में हुई हिंसा की घटना की कड़ी निंदा करती है। भाजपा, एबीवीपी के माध्यम से हमारे धर्मनिरपेक्ष शिक्षण संस्थानों का सांप्रदायिकरण कर रही है। यह बार-बार देखा गया है कि एबीवीपी के स्वयंसेवक विभिन्न संस्थानों के छात्रों पर अपनी दक्षिणपंथी विचारधाराओं को थोपने की कोशिश कर रहे हैं।’’
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने कहा कि यह संस्था के धर्मनिरपेक्ष ढांचे को कमजोर करने का सीधा प्रयास है। भाजपा के स्वयंसेवक केवल शांतिपूर्ण व्यवस्था को बाधित करने के लिए काम करते हैं। तापसे ने कहा कि वह समय ‘‘दूर नहीं’’, जब अल्पसंख्यक और पिछड़े वर्गों के छात्रों को ‘‘सांप्रदायिक घृणा के कारण सरकारी नौकरी देने से मना कर दिया जाएगा।’’
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