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Hindi News भारत राजनीति Jharkhand News : झारखंड में सियासी हलचल तेज, रायपुर शिफ्ट किए जाएंगे यूपीए के विधायक, फ्लाइट बुक

Jharkhand News : झारखंड में सियासी हलचल तेज, रायपुर शिफ्ट किए जाएंगे यूपीए के विधायक, फ्लाइट बुक

Jharkhand News :यूपीए के विधायक आज शाम 4.30 बजे रायपुर रवाना हो जाएंगे। इन विधायकों के लिए इंडिगो की फ्लाइट बुक की गई है।

Hemant Soren, Jharkhand CM- India TV Hindi Image Source : INDIA TV Hemant Soren, Jharkhand CM

Highlights

  • पहले विधायकों के साथ खूंटी गए थे सोरेन
  • विधानसभा में यूपीए के कुल 49 विधायक

Jharkhand News : झारखंड में सियासी हलचल एकबार फिर तेज हो गई है। सूत्रों के मुताबिक झारखंड सरकार में शामिल यूपीए के विधायक आज शाम 4.30 बजे रायपुर रवाना हो जाएंगे। इन विधायकों के लिए इंडिगो की फ्लाइट बुक की गई है। यूपीए के विधायकों की आज भी एक बैठक मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के आवास पर हुई। सूत्रों के मुताबिक अब यूपीए के विधायकों को रायपुर शिफ्ट करने का फैसला लिया गया है। 

इससे पहले विधायकों के साथ खूंटी गए थे सोरेन

इससे पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों के साथ शनिवार को अचानक खूंटी के लिए रवाना हो गए थे। सोरेन मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों एवं सभी विधायकों को तीन बसों में लेकर दोपहर लगभग दो बजे अपने आवास से निकले थे और खूंटी जिले के इस पर्यटन स्थल पर लगभग तीन घंटे रुकने और आनंद उठाने के बाद सभी शाम छह बजे वापस रांची के लिए रवाना हो गये थे।

विधानसभा में यूपीए के कुल 49 विधायक

झारखंड में सत्ताधारी गठबंधन के पास 81 सदस्यीय विधानसभा में कुल 49 विधायक अपने हैं और उन्हें कुछ अन्य विधायकों का भी सरकार चलाने के लिए समर्थन प्राप्त है। राज्य विधानसभा में झामुमो के 30, कांग्रेस के 18 और राजद के एक विधायक हैं। इसके विपरीत मुख्य विपक्षी भाजपा के कुल 26 विधायक हैं और उसके सहयोगी आज्सू के दो विधायक हैं और उन्हें सदन में दो अन्य विधायकों को समर्थन प्राप्त है। 

ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के मामले में फंसे सोरेन

ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा की सदस्यता खत्म हो सकती है। चुनाव आयोग ने माइनिंग लीज केस में गवर्नर को अपनी रिपोर्ट भेज दी है। गवर्नर को इस संबंध में आखिरी फैसला लेना है। मामले में याचिकाकर्ता बीजेपी है जिसने जन प्रतिनिधि कानून की धारा 9 ए का उल्लंघन करने के लिए सोरेन को अयोग्य ठहराने की मांग की थी। संविधान के अनुच्छेद 192 के तहत, किसी राज्य के विधानमंडल के किसी सदन के किसी सदस्य की अयोग्यता से संबंधित कोई मामला आता है तो इसे गवर्नर के पास भेजा जाएगा और उनका फैसला अंतिम होगा। इसमें कहा गया है, 'ऐसे किसी भी मामले पर कोई निर्णय देने से पहले राज्यपाल निर्वचन आयोग की राय लेंगे और उस राय के अनुसार कार्य करेंगे।' ऐसे मामलों में चुनाव आयोग की भूमिका अर्द्धन्यायिक निकाय की तरह होती है।

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