झारखंड को बने हुए हो गए 23 साल, लेकिन केवल एक ही मुख्यमंत्री पूरा कर सका अपना कार्यकाल
बिहार के बाद अब झारखंड में सियासी भूचाल आया हुआ है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ED ने गिरफ्तार कर लिया है। इसके बाद JMM के विधायकों ने चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुन लिया।
रांची: बिहार का सियासी तूफान अभी शांत ही हुआ था कि पड़ोसी राज्य झारखंड में शुरू हो गया। हेमंत सोरेन पर जांच एजेंसी ED का दवाब बढ़ा। इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया। इस्तीफा देने के बाद ED ने सोरेन को गिरफ्तार कर लिया। हेमंत सोरेन के इस्तीफा देने के बाद उनका भी नाम उस सूची में शामिल हो गया, जो अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। बता दें कि राज्य का गठन साल नवंबर 2000 में हुआ था और तब से केवल एक ही मुख्यमंत्री हुआ है, जिसने अपना कार्यकाल पूरा किया है।
बाबूलाल मरांडी थे राज्य के पहले पहले सीएम
राज्य के पहले पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी थे, जिन्होंने 15 नवंबर 2000 को सीएम पद का कामकाज संभाला था लेकिन पार्टी में अंतर्विरोध के कारण 2 साल 4 महीने और 3 दिन बाद सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद कमान अर्जुन मुंडा को सौंपी गई। वह 18 मार्च 2003 से 2 मार्च 2005 तक राज्य के सीएम रहे। इसके बाद शिबू सोरेन मुख्यमंत्री बने लेकिन वह केवल 10 दिन ही मुख्यमंत्री रह सके। सोरेन के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी पर एक बार फिर से अर्जुन मुंडा बैठे और उन्होंने 12 मार्च 2005 से 18 सितंबर 2006 तक काम किया।
मधु कोडा राज्य के एकमात्र निर्दलीय विधायक
इसके बाद राज्य के निर्दलीय विधायक मधु कोडा मुख्यमंत्री बने। वह 18 सितंबर 2006 से 28 अगस्त 2008 प्रदेश के सीएम रहे। वहीं मधु के बाद एक बार फिर से शिबू सोरेन को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया। इस बार वह 28 अगस्त 2008 से 18 जनवरी 2009 तक सीएम की कुर्सी पर बैठे और इसके बाद 19 जनवरी 2009 से 29 दिसम्बर 2009 तक राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा रहा। इसके बाद एक बार फिर से शिबू सोरेन ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वह इस बार 30 दिसम्बर 2009 से 31 मई 2010 तक मुख्यमंत्री रहे।
झारखंड में कई बार लग चुका राष्ट्रपति शासन
वहीं 1 जून 2010 को राज्य में एक बार फिर से राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया। प्रदेश में राष्ट्रपति शासन 1 जून 2010 से 10 सितम्बर 2010 तक चला। इसके बाद सीएम की कुर्सी पर एक बार फिर से अर्जुन मुंडा बैठे। वह 11 सितम्बर 2010 से 18 जनवरी 2013 तक मुख्यमंत्री रहे। इसके बाद 18 जनवरी 2013 से 13 जुलाई 2013 के लिए राज्य में एकबार फिर से राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया। राष्ट्रपति शासन हटने के बाद 13 जुलाई 2013 से 23 दिसम्बर 2014 हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री रहे।
रघुवर दास के रूप में मिला कार्यकाल पूरा करने वाला एकमात्र सीएम
इसके बाद साल 2014 में विधानसभा चुनाव होते हैं। बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिलता है। सीएम के पद पर रघुवर दास को बैठाया जाता है। रघुवर दास के रूप में झारखंड का पहला मुख्यमंत्री मिला, जिसने पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा किया। वह 28 दिसम्बर 2014 से 28 दिसम्बर 2019 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे। इसके बाद 29 दिसंबर 2019 से हेमंत सोरेन सीएम की कुर्सी पर बैठते हैं। लेकिन वह भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके। वह 29 दिसम्बर 2019 से 31 जनवरी 2024 तक मुख्यमंत्री रह सके।