नीतीश कुमार एक ओर जहां राष्ट्रीय राजनीति के लिए वॉर्मअप कर रहे हैं और बीजेपी से सीधी टक्कर लेने के संकेत दे रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर उनकी अपने ही संगठन से पकड़ ढीली होती दिख रही है। अब दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव की जनता दल-यूनाइटेड (जेडीयू) इकाई रविवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गई। ये जेडीयू इकाई बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सचिव बीएल संतोष की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हो गई।
मणिपुर में भी JDU के विधायक BJP में शामिल हुए थे
वहीं करीब दो हफ्ते पहले मणिपुर में जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के पांच विधायक सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गये थे। मणिपुर विधानसभा के सचिव के मेघजीत सिंह द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है था कि अध्यक्ष ने संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत जदयू के पांच विधायकों के भाजपा में विलय को स्वीकार करते हुए प्रसन्नता जतायी है। जदयू ने इस साल मार्च में विधानसभा चुनाव में 38 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे, जिसमें से छह ने जीत दर्ज की थी।
भाजपा में शामिल होने वाले जदयू विधायकों में केएच जॉयकिशन, एन सनाते, मोहम्मद अछबउद्दीन, पूर्व पुलिस महानिदेशक ए एम खाउटे और थांगजाम अरूणकुमार शामिल हैं। खाउटे और अरूणकुमार ने विधानसभा चुनाव में भाजपा से टिकट की मांग की थी, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिलने पर दोनों जदयू में शामिल हो गये थे।
नीतीश कुमार की केंद्र की ओर निगाहें
बता दें कि करीब एक महीने पहले अचानक भाजपा से अलग होने के बाद से बिहार के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राष्ट्रीय राजनीति में भूमिका निभाने के लिए जुगत लगाते दिख रहे हैं। फिलहाल नीतीश कुमार खुद को प्रधानमंत्री पद का दावेदार नहीं बता रहे हैं, लेकिन "महागठबंधन" में इस बात को लेकर उत्साह है, जिसमें वह शामिल हुए हैं।
वहीं जदयू अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फललन ने कल दावा करते हुए कहा था कि उत्तर प्रदेश में पार्टी के कार्यकर्ता चाहते हैं कि वास्तविक नेता नीतीश कुमार अगला लोकसभा चुनाव पड़ोसी राज्य में लड़ें। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव का गठजोड़ पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में ताकतवर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को मात दे सकता है। जनता दल-यूनाइटेड (JDU) ने शनिवार को यह बात कही।
Latest India News