लोकसभा चुनाव में जयंत चौधरी किस तरफ? खुद ही ट्वीट कर बताया
मंगलवार की बैठकें आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर गठबंधनों की तस्वीरें साफ़ कर देंगी। जहां दिल्ली में NDA के घटक दल इकट्ठा हो रहे हैं तो वहीं बेंगलुरु में विपक्षी दल बैठक कर रहे हैं।
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। पार्टियां अपना-अपना साइड चुन रही हैं। कोई NDA में शामिल हो रहा है तो कोई विपक्षी दलों के द्वारा बनाए जा रहे गठबंधन का हिस्सा बन रहा है। दोनों गठबंधनों की बैठकें हो रही हैं। मंगलवार को NDA और विपक्षी दलों की बैठक है। NDA की बैठक में 38 दलों के शामिल होने की बात कही जा रही है तो वहीं बेंगलुरु में होने वाली विपक्ष की बैठक में 26 दलों के शामिल होने की बात कही जा रही है।
रालोद के NDA में शामिल होने की थी खबर
दोनों बैठकों में शामिल होने के लिए दलों के नेता दिल्ली और बेंगलुरु पहुंच चुके हैं। हालांकि अभी कुछ नेताओं का पहुंचना शेष है। वहीं इन सबके बीच जयंत चौधरी के राष्ट्रीय लोकदल ने भी अपना स्टैंड क्लियर कर दिया है। रालोद के मुखिया और राज्यसभा सांसद जयंत चौधरी विपक्ष की बैठक में हिस्सा लेने बेंगलुरु पहुंच रहे हैं। बता दें कि इससे पहले चर्चा थी कि जयंत चौधरी NDA में शामिल हो सकते हैं।
जयंत ने ट्वीट कर कही ये बात
बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक से पहले जयन्त चौधरी ने कहा कि पूरे विपक्ष को एक साथ मिलकर काम करने और भारत के आम नागरिकों के लिए दिल्ली का रास्ता बनाने की जरूरत है। इसके साथ ही उन्होंने एक ट्वीट किया, जिससे यह क्लियर हो गया कि वह NDA की नहीं बल्कि विपक्षी दलों की बैठक में हिस्सा लेंगे। इस ट्वीट में तीन आईडी कार्ड साथ रखे हुए दिख रहे हैं, जो बेंगलुरु में हो रही बैठक में हिस्सा ले रहे हैं। गार करने वाली बात यह है कि इन तीन आईडी कार्ड में से एक जयंत चौधरी का है और दूसरा सपा प्रमुख अखिलेश यादव का है। वहीं तीसरा कार्ड बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का है।
सहयोगी समाजवादी पार्टी से खटपट की चल रही थी खबर
माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले साथी बने रालोद प्रमुख जयंत चौधरी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बीच कुछ खटपट चल रही थी। इससे कयास लगाए जा रहे थे कि वह आगामी लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ सकते हैं, हालांकि अब इसकी उम्मीद कम ही जताई जा रही है। लेकिन कुछ राजनीतिक पंडितों का मानना है कि जयंत ने अभी अंतिम फैसला नहीं किया है और वह हवाओं का रुख भांपकर किसी भी तरफ जा सकते हैं।