मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का दावा, इस वजह से 'हिमाचल के लोगों ने मोदी के साथ जाने का फैसला किया है'
पुरानी पेंशन योजना के बारे में पूछे जाने पर, ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस अब इस मुद्दे को उठा रही है, हालांकि 2012 और 2017 के बीच वीरभद्र सिंह के नेतृत्व वाली उसकी सरकार ने नई पेंशन योजना को बरकरार रखा था। चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाल करने का वादा किया है।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए मतदान की पूर्व संध्या पर, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शुक्रवार को कहा कि राज्य के मतदाताओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ जाने और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को वोट देने का मन बना लिया है और अन्य सभी कारक अप्रासंगिक हो गए हैं। ठाकुर ने एक साक्षात्कार में कहा कि ‘‘डबल इंजन सरकार’’ (केंद्र और राज्य में एक ही पार्टी सत्ता में होने) के फायदे सभी मुद्दों पर भारी पड़ेंगे और भाजपा की जीत होगी।
पीएम मोदी के साथ आएंगे हिमाचल के लोग
उन्होंने कहा, ‘‘हमें यह स्वीकार करना होगा कि डबल इंजन सरकार का मुद्दा यहां के लोगों के दिल और दिमाग में है और हिमाचल प्रदेश के लोगों ने मन बना लिया है कि वह प्रधानमंत्री मोदी के साथ जायेंगे।’’ बागी उम्मीदवारों के पार्टी के लिए परेशानी खड़ी करने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वे छह से सात विधानसभा सीटों पर नतीजों को प्रभावित करेंगे, इससे ज्यादा नहीं। बगावत की समस्या से जूझ रही भाजपा ने चुनाव से पहले कई नेताओं को निष्कासित कर दिया है। शुक्रवार को पार्टी ने राज्य कार्यकारिणी समिति की सदस्य अनु ठाकुर को ‘‘पार्टी विरोधी’’ गतिविधियों के लिए निष्कासित कर दिया।
अब कांग्रेस की बारी नहीं
ठाकुर ने हालांकि विश्वास जताया कि भाजपा चुनाव जीतेगी और ‘‘कांग्रेस की बारी नहीं आएगी।’’ उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में इस बार सत्तारूढ़ दल को सत्ता से बाहर करने की परिपाटी बदलेगी। उन्होंने आगे कहा, ‘‘भाजपा वहां सत्ता में आ रही है जहां वह सत्ता में नहीं थी और जहां वह सरकार में थी वहां पांच साल के लिए फिर से चुनी जा रही है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को देखिए। परिपाटी बदल रही है। यह यहां भी बदलेगी।’’ कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि सबसे पुरानी पार्टी में मुख्यमंत्री पद के लगभग सात दावेदार हैं, लेकिन मतदाताओं को अब इस पार्टी में विश्वास नहीं है।
कांग्रेस के वादे हुए फेल
पुरानी पेंशन योजना के बारे में पूछे जाने पर, ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस अब इस मुद्दे को उठा रही है, हालांकि 2012 और 2017 के बीच वीरभद्र सिंह के नेतृत्व वाली उसकी सरकार ने नई पेंशन योजना को बरकरार रखा था। चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाल करने का वादा किया है। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस ने 2012 में भी राज्य में प्रति परिवार एक सरकारी नौकरी की गारंटी दी थी। वादा कभी पूरा नहीं हुआ। लोग अब कांग्रेस पर भरोसा नहीं करते हैं।’’ उन्होंने कहा कि 18 से 60 वर्ष की आयु की महिलाओं को 1,500 रुपये, पुरानी पेंशन योजना की बहाली और 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने संबंधी अपने चुनावी वादों को पूरा करने का कांग्रेस के पास कोई जरिया नहीं है।
आम आदमी पार्टी से आगे होगा नोटा
ठाकुर ने कहा, ‘‘हम पूरी गणना के बाद वादे करते हैं। हम राहत (लोगों को) दे रहे हैं जो मुफ्त में देने से अलग है। हमारे 125 यूनिट मुफ्त बिजली देने संबंधी वादे पर विचार करें। हमने अध्ययन किया कि गरीब कितनी बिजली की खपत करते हैं, मध्यम वर्ग के परिवार कितना उपभोग करते हैं। हमने इन श्रेणियों को राहत देने का फैसला किया। हमने 300 यूनिट का वादा नहीं किया। इसमें वे लोग शामिल होंगे जो घर पर व्यावसायिक गतिविधियां करते हैं। हमने सिर्फ गरीबों को शामिल किया।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर वे दोबारा चुने जाते हैं तो उनकी सरकार राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करेगी। चुनाव में उनकी पार्टी की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर ठाकुर ने दावा किया कि भाजपा को स्पष्ट मिलेगा। ठाकुर ने कहा, ‘‘हमारे पास एक स्पष्ट बढ़त है। हिमाचल में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है। आम आदमी पार्टी (आप) हिमाचल प्रदेश के चुनावी परिदृश्य पर अपनी छाप छोड़ने में विफल रही है और नोटा भी उससे आगे रहेगा।’’ हिमाचल प्रदेश विधानसभा की 68 सीटों पर 12 नवंबर को मतदान होगा और मतगणना आठ दिसंबर को होगी।