J&K News: जम्मू-कश्मीर की राजनीति एक बार फिर से राष्ट्रीय चर्चा का केंद्र बन गई है। इस केंद्र शाशित राज्य में विधानसभा चुनाव की आहट सुनाई देने लगी है। कई नेताओं के इस्तीफे और उसके पिछले कुछ दिनों से जम्मू-कश्मीर को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय की बैठकें इस ओर इशारा कर रही हैं कि राज्य में जल्द ही चुनावी प्रक्रिया शुरू हो सकती है। साथ ही घाटी में नेताओं और दलों में हलचल भी बढ़ गई है।
चुनाव में लग सकता है अभी एक साल का समय
हालांकि अभी भी चुनाव कराने में एक साल से ज्यादा का समय लग सकता है लेकिन राज्य में सभी दल अपने सियासी समीकरण फिट करने लगे हैं। जम्मू-कश्मीर के बड़े मुस्लिम नेताओं में से एक और पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस पार्टी से इस्तीफे के बाद यह कहा जाने लगा है कि जल्द ही कुछ बड़ा घटित होने वाला है। इसके साथ ही भाजपा के राज्य कोर ग्रुप का गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक इसके संकेत हैं। हालांकि विधानसभा चुनाव होने में अभी समय है, लेकिन भावी सत्ता के लिए समीकरणों की तैयारी आकार लेती दिखने लगी है।
Image Source : pti Jammu and Kashmir
जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जे वाले अनुच्छेद 370 की समाप्ति और राज्य में विभाजन के बाद लद्दाख और जम्मू-कश्मीर दो अलग केंद्र शासित प्रदेश बनने से जम्मू की सियासत काफी बदल गई है। संयुक्त जम्मू कश्मीर में वैचारिक धुर विरोधी पीडीपी के साथ मिलकर सत्ता का स्वाद चख चुकी भाजपा यहां पर एक बार फिर से नए स्वरूप बाले जम्मू-कश्मीर में सत्ता हासिल करने की कोशिश में है।
नए परिसीमन में बढ़ी हैं विधानसभा सीटें
मीडिया में आई खबरों के अनुसार, विधानसभा के चुनाव अगले साल के आखिर में या फिर लोकसभा के साथ हो सकते हैं। तब तक नए परिसीमन के साथ मतदाता सूचियों समेत तमाम चुनावी प्रक्रिया में भी पूरी हो जाएंगी। आपको बता दें कि नए परिसीमन के अनुसार अब नई विधानसभा में सीटें भी 83 से बढ़कर 90 हो जाएंगी। जिसमें जम्मू क्षेत्र में सीटों की संख्या 37 से बढ़कर 43 और कश्मीर क्षेत्र में संख्या 46 से बढ़कर 47 हुई है। यानी जम्मू क्षेत्र को ज्यादा सीटों का फायदा हुआ है।
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