लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने 2024 के लोकसभा चुनावों की रणनीति बनाने के लिए अपने सभी पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है। 18 मई को लखनऊ में बुलाई गई इस बैठक में सत्ताधारी दल द्वारा सरकारी मशीनरी व धर्म के कथित दुरुपयोग जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी। मायावती ने बुधवार को एक ट्वीट में कहा, 'उत्तर प्रदेश में सत्ताधारी पार्टी द्वारा जनविरोधी नीतियों, गलत कार्यकलापों के लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग और धर्म का राजनीतिक स्वार्थ के लिए इस्तेमाल अति-गंभीर व अति-चिंताजनक है। यह लोकतंत्र के लिए घातक है।'
‘चुनावों की तैयारी में जुटने के लिए यह बैठक बुलाई है’
बसपा सुप्रीमो ने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'इन घोर जनविरोधी चुनौतियों का डटकर मुकाबला करने के लिए ठोस रणनीति बनाकर उसके हिसाब से आगे बढ़ने, खासकर लोकसभा चुनाव की तैयारी में अभी से जुट जाने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य के सभी छोटे-बड़े पदाधिकारियों, मंडल व जिला अध्यक्षों आदि की लखनऊ में गुरुवार को विशेष बैठक बुलाई है।' बता दें कि 2007 में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने वाली बहुजन समाज पार्टी इस समय उत्तर प्रदेश की राजनीति में अपनी पुरानी ताकत तलाश रही है। पिछले कुछ चुनावों में पार्टी का प्रदर्शन नेतृत्व की उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा है।
उत्तर प्रदेश में खिसकता जा रहा है बसपा का जनाधार 2007 के यूपी विधानसभा चुनावों में 403 में से 206 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने वाली बीएसपी को 2012 में 80, 2017 में 19 और 2022 में मात्र एक सीट से संतोष करना पड़ा था। वहीं, 2009 के लोकसभा चुनावों में 20 सीटें जीतने वाली यह पार्टी 2014 में 0 सीटों पर आ गई थी, जबकि 2019 में समाजवादी पार्टी से गठबंधन के बाद 10 सीटों पर जीत हासिल की थी। ऐसे में देखना है कि उत्तर प्रदेश में सिमटते जनाधार के बीच बसपा सुप्रीमो पार्टी को आगे ले जाने के लिए कौन-सी रणनीति बनाती हैं।
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