नई दिल्ली: संसद भवन की नई इमारत को लेकर जमकर सियासत हो रही है और विपक्ष के अधिकांश दलों ने रविवार को होने वाले इसके उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का एलान किया है। विपक्षी दलों की मांग है कि इमारत का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों कराया जाए, जबकि बीजेपी इसे लेकर अपने तर्क दे रही है। इस बीच कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संसद का उद्घाटन करना कहीं से गलत नहीं है और विपक्षी दलों को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए।
‘...तो क्या पाकिस्तान का प्रधानमंत्री उद्घाटन करेगा’
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने विपक्ष के विरोध पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर देश की संसद का उद्घाटन भारत का प्रधानमंत्री नहीं करेगा तो क्या पाकिस्तान का पीएम करेगा। उन्होंने कहा, ‘भारत की संसद देश की धरोहर है, बीजेपी की नहीं। देश की संसद का उद्घाटन देश का प्रधानमंत्री नहीं करेगा तो कौन करेगा? हिंदुस्तान की संसद का उद्घाटन हिंदुस्तान का प्रधानमंत्री नहीं करेगा तो क्या पाकिस्तान का प्रधानमंत्री करेगा? संसद, राष्ट्रपति भवन ये इस तरह की इमारतें हैं जो किसी पार्टी की नहीं होतीं, पूरे देश की होती हैं। हमें मोदी का विरोध करने का हक है, लेकिन देश का विरोध करना उचित नहीं है।’
‘...तमाम विपक्ष असदुद्दीन ओवैसी के रास्ते पर न चले’ आचार्य प्रमोद ने आगे कहा, ‘हम प्रधानमंत्री की नीतियों का विरोध करें। हमें करना चाहिए, हम करेंगे, हम सड़क पर करेंगे, हर जगह करेंगे। जनमानस की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। मैं विपक्ष से अपील करना चाहता हूं कि वह अपने फैसले पर पुनर्विचार करे। भारत की संसद को बीजेपी का समझना गलत है, इसीलिए मेरा निवेदन है कि तमाम विपक्ष ओवैसी के रास्ते पर न चले।' इससे पहले समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने भी पीएम मोदी द्वारा संसद के उद्घाटन का विरोध करने के विपक्ष के फैसले को गलत करार दिया था, हालांकि बाद में उन्होंने यूटर्न ले लिया।
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