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Hindi News भारत राजनीति 'कुर्सी की पेटी बांध लीजिए, सदन का बढ़ने वाला है तापमान', संसद सत्र शुरू होने से पहले बोली कांग्रेस

'कुर्सी की पेटी बांध लीजिए, सदन का बढ़ने वाला है तापमान', संसद सत्र शुरू होने से पहले बोली कांग्रेस

कांग्रेस का कहना है कि जिस सदन में सरकार पहले राहुल गांधी को ही नहीं संभाल पा रही थी, अब उसी सदन में प्रियंका गांधी भी आ रही हैं। इंडिया गठबंधन के बड़े-बड़े प्रबल नेता, प्रखर वक्ता सब आने वाले हैं।

mallikarjun kharge sonia gandhi- India TV Hindi Image Source : PTI मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य कांग्रेस नेता

लोकसभा का अगला अध्यक्ष कौन होगा, इन अटकलों के बीच कांग्रेस का कहना है कि कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन स्पीकर बने और कौन डिप्टी स्पीकर। मंगलवार को कांग्रेस पार्टी ने कहा कि अब वे संसद का सदन उस तानाशाही से नहीं चला पाएंगे, जैसे पहले चलाया जाता था। राहुल गांधी के 14 मिनट के वक्तव्य में 11 मिनट तक आपको स्पीकर नहीं दिखेंगे। जिस सदन में सरकार पहले राहुल गांधी को ही नहीं संभाल पा रही थी, अब उसी सदन में प्रियंका गांधी भी आ रही हैं। इंडिया गठबंधन के बड़े-बड़े प्रबल नेता, प्रखर वक्ता सब आने वाले हैं।

'नहीं फर्क पड़ता स्पीकर कौन बने और डिप्टी स्पीकर कौन बने'

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि कुर्सी की पेटी बांध लीजिए, क्योंकि सदन का तापमान जबरदस्त बढ़ने वाला है। अब कोई फर्क नहीं पड़ता स्पीकर कौन बने और डिप्टी स्पीकर कौन बने। कांग्रेस ने केंद्र सरकार से प्रश्न करते हुए कहा कि देश में लगातार रेल हादसे हो रहे हैं। ऐसे में रेलवे की सुरक्षा को लेकर क्या बदलाव किए गए हैं? वर्ष 2014 से 2023 तक 1,017 रेल दुर्घटनाएं हुई हैं। हर महीने 11 रेल दुर्घटनाएं और हर तीसरे दिन एक रेल दुर्घटना हुई हैं।

'सरकार की प्राथमिकता में ही नहीं है रेलवे'

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि रेल, सरकार की प्राथमिकता में ही नहीं है। जो देश के रेल मंत्री हैं, वही आईटी और इलेक्ट्रॉनिक के भी मंत्री बने हुए हैं। सूचना एवं प्रसारण मंत्री भी वहीं हैं। महाराष्ट्र के प्रभारी भी वह बने हुए हैं, तो ऐसे में वह रेलवे को कब देखेंगे। इसका मतलब यही है कि रेलवे सरकार की प्राथमिकता में ही नहीं है।

पश्चिम बंगाल में कंचनजंगा एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने पर सरकार को घेरते हुए कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि यह दुर्घटनाएं केंद्र सरकार की रेल के प्रति जवाबदेही और लोगों की सुरक्षा के प्रति सरकार के रवैए को दिखाती है। करीब एक साल पहले ओडिशा में बड़ा रेल हादसा हुआ था। उस रेल हादसे में कई लोगों की जान गई थी। लेकिन, सरकार ने उस हादसे से कोई सबक नहीं लिया। यही कारण है कि अब पश्चिम बंगाल में एक और रेल हादसा हुआ है। (IANS इनपुट्स के साथ)

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