कांग्रेस का इतिहास असफलताओं से भरा, प्रशांत किशोर भी कुछ नहीं कर पाएंगे-टीएमसी
पीके को पार्टी में शामिल करने पर सहमति जताते हुए पार्टी नेताओं ने कहा कि उन्हें दूसरे राजनीतिक दलों से खुद को अलग करना होगा।
नई दिल्ली : चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने की चर्चाओं के बीच तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने दावा किया है कि असफलताओं से जूझ रही कांग्रेस को इससे भी सफलता हाथ नहीं लगेगी। टीएमसी महासचिव कुणाल घोष ने पीके के कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा को लेकर कहा, "चुनावी रणनीतिकार ( प्रशांत किशोर) कभी भी टीएमसी में शामिल नहीं हुए। वह हमारे राजनीतिक विश्लेषक थे। किशोर एक चुनावी रणनीतिकार हैं। वह टीएमसी नेता नहीं हैं। वह किसी भी पार्टी से बात कर सकते हैं। हम जानते हैं कि कांग्रेस का असफलताओं का इतिहास रहा है। अगर कांग्रेस खुद को फिर से जीवित करना चाहती है, तो कोशिश कर सकती है। हमारा मुख्य ध्यान भाजपा को हराने में है।"
घोष ने कहा, "जैसे बंगाल में है, टीएमसी मजबूत है। अगर कांग्रेस को लगता है कि वह लड़ सकते हैं और भाजपा को हरा सकते हैं, तो उनका स्वागत है।" गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में पीके ने टीएमसी के साथ काम किया था लेकिन पार्टी नेताओं से मतभेदों के कारण वह टीएमसी से अलग हो गए।
उल्लेखनीय है कि सोनिया गांधी ने प्रशांत किशोर की पार्टी में भूमिका को लेकर एक 13 सदस्यीय नेताओं की समिति बनाई थी। इस कमेटी में दिग्विजय सिंह, कमलनाथ, एके एंटनी, मल्लिकार्जुन खड़गे, मुकुल वासनिक, अंबिका सोनी, केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, पी.चिदंबरम, रणदीप सुरजेवाला भी समिति के सदस्य हैं। फिलहाल इस समिति ने प्रशांत किशोर के प्लान पर अपनी रिपोर्ट सोनिया गांधी को दे दी है।
रिपोर्ट में पीके को पार्टी में शामिल करने पर सहमति जताते हुए पार्टी नेताओं ने कहा कि उन्हें दूसरे राजनीतिक दलों से खुद को अलग करना होगा। अंतिम निर्णय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लेना है। हालांकि ये भी माना जा रहा है कि गांधी परिवार ने पीके के कांग्रेस में आने का रास्ता साफ कर दिया है। मगर उस पर एक आम राय बनाने के लिए वरिष्ठ नेताओं को भी शामिल किया है।
इनपुट-एजेंसी