असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शनिवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी संशोधित नागरिकता कानून CAA लागू करने के प्रति प्रतिबद्ध है और आने वाले समय में इसके नियम बनना तय है। एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि, एक हिंदू का यह वैध अधिकार है कि वह अपनी मातृभूमि का नागरिक बने और भाजपा पूरी तरह CAA के पक्ष में है।
आने वाले समय में लागू होंगे CAA के नियम
सीएए के नियम अभी तक क्यों नहीं बनाए गए? इस सवाल पर शर्मा ने कहा कि कुछ लोग थे जो सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे और इसके बाद कोरोना वायरस महामारी आ गई। शर्मा ने कहा, ‘‘इसकी प्रक्रिया जारी है, लेकिन भाजपा इसे लेकर अभी भी प्रतिबद्ध है। संसद ने विधेयक को पारित कर दिया है और आने वाले समय में आप सीएए के नियम देखेंगे। ’’ मुख्यमंत्री ने उस दलील को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया है कि भाजपा इसका इस्तेमाल चुनावी हथकंडे के रूप में कर रही है।
CAA हमारी प्रतिबद्धता में शामिल
उन्होंने कहा, ‘‘सीएए हमारी प्रतिबद्धता में शामिल है, यह हमारी विचारधारा का अंग है। हम इसे लागू करेंगे। कुछ लोग सवाल करते थे कि राम मंदिर कहां है, कब बनेगा, लेकिन अब आप राम मंदिर देखेंगे। कुछ लोग सवाल करते थे कि अनुच्छेद 370 कब हटेगा, यह हट चुका है। इसी तरह आप समान नागरिक संहिता और सीएए को लागू होते देखेंगे।’’ सीएए के तहत अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले गैर मुस्लिमों (हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई) को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है।
कांग्रेस के कई कार्यकर्ता जल्द होंगे बीजेपी में शामिल
CAA को 11 दिसंबर, 2019 को संसद में पारित किया गया था। शर्मा ने मल्लिकार्जुन खरगे को पार्टी अध्यक्ष बनाने पर अपनी पूर्व पार्टी कांग्रेस की आलोचना की। शर्मा ने कहा कि यदि शशि थरूर चुनाव जीते होते तो वे कहते कि कांग्रेस में लोकतंत्र की वापसी हो गई है। शर्मा ने कहा कि उन्हें लगता है कि कांग्रेस के जिन 1000 लोगों ने शशि थरूर के पक्ष में मतदान किया, वे छह महीने या एक साल में भाजपा में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2029 तक भाजपा देश में हर जगह मौजूद होगी।
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